[ad_1]
महाकोशल और विंध्य के क्षेत्रों में चक्रवाती प्रभाव के कारण बारिश और ओले गिरे, जिससे किसानों की गेहूं और चने की फसल को नुकसान पहुंचा। शहडोल जिले में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की जान चली गई। सीधी जिले में मकान और पेड़ गिरने से भी हानि हुई।

HighLights
- सीधी में मकान और पेड़ गिरने से नुकसान हुआ।
- गेहूं और चने की फसल पर बारिश का प्रतिकूल प्रभाव।
- किसानों को फसल की गुणवत्ता में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
Newsstate24 प्रतिनिधि, जबलपुर। महाकोशल और विंध्य के जिलों में चक्रवाती प्रभाव के कारण शनिवार को कटनी, उमरिया और सीधी में भारी वर्षा और ओले गिरे। तेज हवाओं के कारण गेहूं की खड़ी फसल खेतों में बिछ गई, जिससे किसानों के सामने संकट उत्पन्न हो गया है।
शहडोल जिले के तितरा गांव में कुनुक नदी के पास खेतों में काम करने के लिए झोपड़ी में बैठी 55 वर्षीय रमसखिया केवट की आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु हो गई।
खराब मौसम से होने वाला नुकसान
- सीधी जिले में कुसमी के ग्राम कोडार के निवासी राजकुमार अगरिया का मकान गिर गया। इसी गांव में रामजी साहू के घर पर एक बड़ा पेड़ गिरने से भी नुकसान हुआ। रात में परिजन घर के अंदर सो रहे थे। प्रशासन ने नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग को खेतों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं।
- ज्ञात हो कि इस क्षेत्र के जिलों में गेहूं की फसल लगभग पक चुकी है और अगले अप्रैल से कटाई शुरू हो जाती है। बारिश के कारण गेहूं और चने की गुणवत्ता पर संकट आ गया है।
गेहूं व चने की फसल को नुकसान
किसानों का कहना है कि गेहूं के दाने बेरंग हो जाएंगे और उनकी चमक भी चली जाएगी। इतना ही नहीं, गेहूं के दाने सिकुड़कर सिलवट लिए भी हो सकते हैं। इससे खुले बाजार में गेहूं के भाव पर इस बारिश का प्रभाव पड़ेगा। चने की फसल को भी इस बारिश ने बुरी तरह प्रभावित किया है और दाने गिर गए हैं।