कुछ दिन पहले चैंपियन्स ट्रॉफी की जीत का जश्न मना रहे युवकों को पुलिस ने आज (सोमवार) सिर मुंडवाकर जुलूस निकाला। युवकों पर आरोप है कि उन्होंने जश्न के दौरान हुड़दंग किया और पुलिस की चेतावनी के बावजूद नहीं माने। इसके अतिरिक्त, उन पर पुलिस के वाहनों पर पत्थर फेंकने का भी आरोप है।
इस घटना के बाद, बड़ी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर मौजूद युवकों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें भगा दिया। इसी दौरान, एक पुलिसकर्मी ने मोमोज का ठेला लगाने वाले एक युवक को बेरहमी से पीट दिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे इंदौर रेफर कर दिया गया। इस बीच, पुलिसकर्मी द्वारा की गई मारपीट का CCTV फुटेज वायरल होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार, कोतवाली थाना प्रभारी अजय गुर्जर के साथ बहस के बाद कुछ युवकों ने उनकी गाड़ी पर हमला करने की कोशिश की। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने कुछ युवकों को हिरासत में लिया और फिर उनके सिर मुंडवाकर सोमवार रात को शहर में जुलूस निकाला।
गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए कुछ युवक उस समय मौके पर मौजूद भी नहीं थे। पुलिस ने मोमोज विक्रेता के साथ की गई मारपीट के मामले में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवकों ने सिर्फ जश्न मनाया था, लेकिन पुलिस ने पहले अभद्रता की और फिर मोमोज विक्रेता को बेवजह पीट दिया।
हालांकि, पुलिस इस मामले पर खुलकर बोलने से बच रही है। अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए युवक इंडिया की जीत का जश्न मनाते समय हुड़दंग कर रहे थे और रास्ते पर चलने वालों पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने खुद को पुलिस से बचाने के लिए सिर मुंडवाया था।
इसी बीच, घायल युवक के परिजनों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर दोषी आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं।
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