लखनऊ में नगर निगम के अधिकारियों और महापौर के फैसले को लेकर पार्षदों की नाराजगी को दूर करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह से मुलाकात कर इस पूरे मामले की जानकारी दी। वहीं, बजट कार्यकारिणी के बहिष्कार के बाद महापौर ने मंगलवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई और वार्ड विकास निधि (पार्षद कोटा) बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की कोशिश की। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से आवश्यक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है।
हालांकि, नाराज पार्षद मेयर के होली मिलन समारोह से दूर रहने का मन बना रहे थे, लेकिन पार्टी के नेताओं ने एकजुटता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं, जिससे वे असमंजस में हैं। महानगर अध्यक्ष ने कहा कि सभी अपने हैं और समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह मुद्दा इतना बड़ा नहीं है कि रक्षा मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़े।
भाजपा के हस्तक्षेप के बाद पार्षद 18 मार्च को प्रस्तावित बजट कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं। इस दौरान उन्हें पार्षद निधि बढ़ाने का आश्वासन मिला है। हालाँकि, कुछ नाराज पार्षद मेयर के होली मिलन समारोह से दूरी बनाने की तैयारी में थे, लेकिन महानगर अध्यक्ष के हस्तक्षेप ने कई पार्षदों की नाराजगी दूर करने में मदद की है।
विपक्ष के पार्षदों का कहना है कि यदि क्षेत्र का आकार बढ़ता है, तो निधि भी बढ़नी चाहिए। सपा के पार्षद कामरान बाग ने बताया कि मेयर के साथ बैठक में वार्ड विकास निधि बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। उन्होंने अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी दिए। उनका मानना है कि बढ़ते क्षेत्र के कारण सीवर, सड़क और नाली की समस्याएँ आए दिन सामने आ रही हैं, और कम बजट के चलते पार्षद अपने क्षेत्रों में काम नहीं कर पा रहे हैं।
भाजपा के उपसभापति गिरीश गुप्ता ने भी बताया कि मंगलवार को हुई बैठक में वार्ड विकास निधि बढ़ाने पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि सभी पार्षद एकजुट हैं और 18 मार्च को प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। कुछ समय पहले भाजपा पार्षदों ने सामूहिक रूप से वार्ड विकास निधि (पार्षद कोटा) को 1 करोड़ 47 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके चलते पार्षद नाराज हो गए।