नकल को रोकने के लिए कठिन कदम उठाए जा रहे हैं ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में। इस बार बोर्ड परीक्षाओं में 10वीं और 12वीं के पेपर्स में आधे विषयों के पर्चे आ चुके हैं, लेकिन अब तक केवल सात नकल के मामले सामने आए हैं और एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया है।

हाइलाइट्स
- नकल को रोकने के लिए इस बार नए उपाय अपनाए गए हैं।
- प्रवेश पत्र में क्यूआर कोड से फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया।
- सीसीटीवी कैमरों से भी परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी गई।
अनिल तोमर, न्यूजस्टेट24, ग्वालियर (एमपी बोर्ड परीक्षा)। परीक्षा हो और ग्वालियर चंबल क्षेत्र में नकल न हो, ऐसा होना मुश्किल है। पिछले कई सालों से ग्वालियर चंबल क्षेत्र परीक्षाओं में नकल के लिए काफी प्रसिद्ध रहा है। इस बार बोर्ड परीक्षाओं में 10वीं और 12वीं के पेपर्स में आधे विषयों के पर्चे आ चुके हैं, लेकिन अब तक केवल सात नकल के मामले सामने आए हैं और एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया है।
पिछले सालों में यह संख्या दो से तीन गुना अधिक होती थी। संभवत: नकल को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ऐसा उपाय ढूंढा और जिला प्रशासन सहित शिक्षा विभाग ने उसे लागू किया, जिसकी वजह से इस बार क्षेत्र में नकल को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक न तो सामूहिक नकल के मामले सामने आए हैं और न ही प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाएं ही सामने आई हैं।
Also Read: लखनऊ में अंसल एपीआई पर पांच नई FIR: 1.46 करोड़ की ठगी का आरोप, जांच जारी
नकल को रोकने के लिए यह उपाय अपनाया जा रहा है
फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ने के लिए क्यूआर कोड लगाया जा रहा है
ग्वालियर चंबल के भिंड, मुरैना में हर साल फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाते थे। लेकिन इस बार दतिया में एक प्रकरण को छोड़कर कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके पीछे प्रवेशपत्र में क्यूआर कोड होना बताया जा रहा है। इस वजह से नकल माफिया परीक्षाओं में साफ नहीं चल पाया।
पेपर लीक की घटना
हर बार परीक्षा से पहले रात और सुबह प्रश्नपत्र लीक होकर इंटरनेट पर उपलब्ध होता था और छात्र उसे खरीद लिया करते थे। इस बार बोर्ड ने थाने से लेकर परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचाने तक और उसके बाद छात्रों तक को एप के जरिए ट्रैक किया। इससे पेपर लीक होने की घटना तक सामने नहीं आई।
संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से नजर
ग्वालियर चंबल क्षेत्र के सभी परीक्षा केंद्र संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील थे, उन पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। इससे छात्र नकल नहीं कर पा रहे हैं और माफिया भी अपनी गतिविधियों में सफल नहीं हो पा रहा है।
कलेक्टर प्रतिनिधि की नियुक्ति
हर परीक्षा केंद्र पर एक कलेक्टर प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। यह प्रतिनिधि प्रश्नपत्र के थाने से केंद्र तक लेकर परीक्षा समय तक केंद्र में रहता है और व्यवस्थाओं का ध्यान रखता है। इससे भी परीक्षा केंद्रों से सामूहिक नकल जैसी स्थिति सामने नहीं आ रही है।
टीमों का नियमित निगरानी
शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की टीमें लगातार परीक्षा केंद्रों का निगरानी कर रही हैं। इससे परीक्षार्थियों और पर्यवेक्षकों में भय का माहौल बना रहा है।
संगठित नकल माफिया की नहीं चली
क्षेत्र में बोर्ड परीक्षाओं में नकल कराने वाली संगठित माफिया अब सफल नहीं हो पा रही है। यह न केवल फर्जी परीक्षार्थी को परीक्षा में बैठाती थी, बल्कि केंद्रों पर सामूहिक नकल भी कराती थी। लेकिन इस बार बोर्ड और प्रशासन ने अपने परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया है और नए उपाय लाए हैं। इससे माफिया की गतिविधियों में आई बाधा कारगर हो रही है।
कितने प्रकरण कहां हुए
- ग्वालियर में 1
- भिंड में 1
- शिवपुरी में 1
- मुरैना में 4
फर्जी परीक्षार्थी : दतिया जिले में एक फर्जी परीक्षार्थी भी पकड़ा गया है।
प्रवेश पत्र में क्यूआर कोड भी
बोर्ड परीक्षाओं के लिए इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नए नियम बनाए हैं, जिनकी वजह से परीक्षा के हर चरण पर नजर रही है। चाहे प्रश्नपत्र को थाने से केंद्र तक ले जाने की ट्रैकिंग हो या परीक्षा केंद्र पर नजर रखने वाली बात, सभी जगहों पर बोर्ड की नजर है। साथ ही फर्जी परीक्षार्थी की पहचान के लिए प्रवेश पत्र में क्यूआर कोड भी है। साथ ही जिल