पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्या मामले में एसआईटी ने अदालत में एक हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट प्रस्तुत की है। इस चार्जशीट में 70 से ज्यादा गवाहों के बयान शामिल हैं। सभी आरोपी फिलहाल जगदलपुर जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ जल्द ही सुनवाई शुरू होने वाली है।

HighLights
- चार्जशीट में गवाहों के बयान शामिल हैं।
- मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में सभी चार आरोपित जेल में हैं।
- यह हत्या भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाने के बाद की गई थी।
Newsstate24 प्रतिनिधि, बीजापुर (Mukesh Chandrakar Murder Case)। पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्या मामले में एसआईटी ने मंगलवार दोपहर को बीजापुर व्यवहार न्यायालय में 1000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट पेश की। इस चार्जशीट में 70 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और सभी आरोपी वर्तमान में जगदलपुर जेल में हैं।
सूत्रों के अनुसार, चारों आरोपियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की जाएगी। बताया जा रहा है कि इन सभी आरोपियों की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा में होगी। चार्जशीट पेश करते वक्त आरोपी पक्ष से उच्च न्यायालय का एक वकील उपस्थित था।
सेप्टिक टैंक में छिपाए गए शव
यह उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी 2025 की रात को एक साजिश के तहत युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की गई और उनके शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया गया। 2 जनवरी को मुकेश के भाई युकेश ने कोतवाली में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मोबाइल लोकेशन से मिली लाश
3 जनवरी की शाम को पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के चट्टान पारा स्थित बाड़े से शव को सेप्टिक टैंक से बरामद किया था। इस मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी जांच का आदेश दिया था।
सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश, दिनेश और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार करने के बाद तीन दिन बाद सुरेश को हैदराबाद से पकड़ा गया था।
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला
यह मामला गंगालूर से मिरतुर तक 100 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार से संबंधित था। मुकेश चंद्राकर द्वारा खबर प्रकाशित करने के बाद सुरेश चंद्राकर ने हत्या की योजना बनाई थी।
सुरेश ने अपने भाई और सुपरवाइजर की मदद से मुकेश चंद्राकर की हत्या की योजना बनाई थी। इस मामले पर पत्रकारों ने सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की और आरोपियों को कड़ी सजा देने की आवाज उठाई। इसके बाद पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, और सभी अभी भी जेल में बंद हैं।
सुरेश चंद्राकर की संपत्ति की कुर्की की मांग
जिस स्थान से मुकेश का शव बरामद हुआ था, एसआईटी ने उसे सील कर दिया है। मुकेश की हत्या के बाद सुरेश चंद्राकर की संपत्ति को कुर्क करने की मांग की जा रही है। इस बीच, राज्य सरकार ने सुरेश के अवैध अतिक्रमण क्रशर प्लांट को हटाया और सड़क निर्माण में घटिया कार्य के लिए सभी कार्यों को निरस्त करने के साथ ही उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया।
चार पर मामला दर्ज
भ्रष्टाचार में संलिप्तता के कारण पीडब्ल्यूडी के पूर्व ईई, एसडीओ समेत चार लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन्हें दंतेवाड़ा कोर्ट से जमानत मिली है। सरकार ने इन चारों अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।