इंदौर बावड़ी घटना में कोर्ट ने ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव को निर्दोष ठहराया 36 लोगों की हुई थी मृत्यु

इंदौर बावड़ी हादसे में कोर्ट ने ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव को निर्दोष घोषित किया है। इस घटना में 36 लोगों की जान गई थी और 18 अन्य घायल हुए थे। हादसे के बाद पुलिस ने बेलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इंदौर…

इंदौर बावड़ी हादसे में कोर्ट ने ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव को निर्दोष घोषित किया है। इस घटना में 36 लोगों की जान गई थी और 18 अन्य घायल हुए थे। हादसे के बाद पुलिस ने बेलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

इंदौर में इस बावड़ी में गिरकर हो गई थी 36 लोगों की मौत। फाइल फोटो

HighLights

  1. इंदौर बावड़ी हादसे में ट्रस्ट अध्यक्ष-सचिव को कोर्ट ने किया बरी।
  2. हादसे में 36 लोगों की मौत हुई थी, पुलिस जांच पर उठे सवाल।
  3. 80 फीट गहरी बावड़ी के ऊपर बना दिया गया था हवन कुंड।

Newsstate24 प्रतिनिधि, इंदौर। दो साल बीत जाने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि 36 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन था। पुलिस ने बेलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था लेकिन कोर्ट में आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी।

गुरुवार को सत्र न्यायालय ने मामले का फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष और सचिव को बरी कर दिया। कोर्ट ने पुलिस की जांच की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं। 30 मार्च 2023 को पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में यह हादसा हुआ था जिसमें 36 लोग मारे गए और 18 घायल हो गए थे।

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रामनवमी पर मंदिर परिसर में चल रहा था हवन

यह लोग रामनवमी के अवसर पर मंदिर परिसर में हवन कर रहे थे। जिस स्थान पर हवन कुंड बनाया गया था, उसके नीचे लगभग 80 फीट गहरी बावड़ी थी। यह बावड़ी कई साल पहले स्लैब डालकर बंद कर दी गई थी।

हवन के दौरान स्लैब टूट गया और 50 से अधिक लोग बावड़ी में गिर पड़े। हादसे के बाद पुलिस ने ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

कोर्ट की फटकार के बाद हुई थी गिरफ्तारी

इस बावड़ी हादसे को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि घटना के एक साल के भीतर पुलिस को दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए। पुलिस ने 22 मार्च 2024 को गलानी और सबनानी को गिरफ्तार किया था।

किसी ने भी दोनों को हादसे का जिम्मेदार नहीं बताया

दोनों का पक्ष एडवोकेट राघवेंद्रसिंह बैस द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने 35 गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए लेकिन उनमें से अधिकांश ने अपने बयान से मुकर गए। किसी ने भी गलानी और सबनानी को बावड़ी हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया। न्यायाधीश जितेंद्रसिंह कुशवाह ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपितों को बरी कर दिया।

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