गोरखपुर में होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर के लिए निर्धारित लगभग 6.30 एकड़ भूमि पर मजार बनाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, यहां पहले से कुछ भी मौजूद नहीं था, लेकिन अचानक वहां एक हरा झंडा लगाकर मजार बना दिया गया। जैसे ही यह सूचना मिली, राजस्व और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मजार को हटा दिया। वहां पहुंचे कुछ व्यक्तियों का कहना था कि यह मजार वर्षों पुराना है, लेकिन देखने पर यह नया ही प्रतीत हो रहा था।
इस भूमि का संबंध प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय से आगे भटहट-बांसस्थान मार्ग पर स्थित जंगल माघी से है। पहले यह भूमि एक जमींदार परिवार की संपत्ति थी। सीलिंग के बाद, यहां होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए प्रशासन द्वारा भूमि का आवंटन किया गया है।
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राजस्व कर्मियों का कहना है कि जब इस भूमि पर कब्जा लिया गया, तब वहां कुछ भी नहीं था। हाल ही में, ट्रेनिंग सेंटर के लिए नक्शा बनाने की प्रक्रिया चल रही थी, और इसी दौरान देखा गया कि सड़क के किनारे मिट्टी डालकर उस पर हरी चादर बिछा दी गई थी। चारों ओर हरे झंडे भी लगाए गए थे। स्थानीय निवासियों ने इस तरह के प्रयास को गलत ठहराया।
मौके पर पहुंची टीम ने वहां से हरी चादर और झंडे हटा दिए। उन व्यक्तियों की पहचान की जा रही है जिन्होंने झंडे लगाए थे, लेकिन इस मामले में कोई भी सामने नहीं आ रहा है। इस कार्रवाई के बाद कुछ ऐसे लोग भी आए, जिन्होंने वहां 100 साल से अधिक समय से मजार होने का दावा किया, जबकि कुछ मुस्लिम बुजुर्गों ने कहा कि वहां वास्तव में कुछ नहीं था। फिलहाल, सरकारी भूमि से मजार हटा दी गई है और इस मामले में कुछ लोगों से पूछताछ जारी है।