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स्कूल में बच्चों को पीटने वाले शिक्षक रहें सतर्क, सरकार ने कर ली है कार्रवाई की तैयारी

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मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों में शारीरिक दंड पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बाल अधिकार आयोग की सिफारिश पर यह आदेश जारी किया गया है।

स्कूल में बच्चों को पीटने वाले शिक्षक रहें सतर्क, सरकार ने कर ली है कार्रवाई की तैयारी
राज्य सरकार ने जारी किया आदेश। (एआई जनरेटेड इमेज)

HighLights

  1. शारीरिक दंड और मारपीट पर प्रतिबंध लगाया गया
  2. शिक्षकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी
  3. बाल अधिकार आयोग की सिफारिश पर आदेश जारी

Newsstate24 प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में अब विद्यार्थियों के साथ मारपीट या शारीरिक सजा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश का पालन न करने वाले शिक्षकों व प्राचार्यों पर अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • इस संबंध में मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अनुशंसा की थी। इस संबंध में विभाग ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने ऐसी शिकायतें आने पर संबंधित शिक्षकों को कार्रवाई के लिए कहा है।
  • जिलों में होने वाली ऐसी घटनाओं की जानकारी भी तत्काल विभाग को भेजे जाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने शारीरिक दंड पर प्रतिबंध और कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी किए। इसके लिए बाल आयोग ने चार फरवरी को स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था।

स्कूल और शिक्षक के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

  • डीपीआई ने निर्देश जारी करते हुए विद्यार्थियों के साथ स्कूलों में शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव की शिकायतों पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
  • निर्देश में कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह से प्रतिबंधित है और यह धारा 17 (2) के तहत दंडनीय अपराध भी है।
  • इसके अलावा, आईपीसी की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड पर प्रतिबंधित है। पत्र में कहा है कि सभी जिलों में चल रहे सरकारी और निजी स्कूलों में मारपीट, शारीरिक दंड जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रयास किए जाएं।
  • सभी डीईओ को यह निर्देश भी जारी किए गए हैं कि किसी भी स्कूल या शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को शारीरिक दंड या पीटने जैसे मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए कानूनी कार्रवाई भी की जाए।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb