हाल ही में हुए एक हादसे में अशोक कुमार आदिवासी की मृत्यु हो गई। आदिवासी परिवार ने इसे एक दुर्घटना मानने के बजाय सनी द्विवेदी नामक युवक पर हत्या का आरोप लगाया। होली के दिन, शाम करीब 4 बजे, आदिवासी परिवार ने सनी को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस मारपीट के दौरान सनी की भी जान चली गई।

मुख्य बिंदु
- पुलिस ने गांव में धारा 144 लागू की।
- फोर्स एसआई-एसडीओपी को सुरक्षित स्थान पर लाया।
- सनी द्विवेदी का शव भी बाहर निकाला गया।
नईदुनिया प्रतिनिधि रीवा। मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बनाकर पीटना शुरू किया। जब इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली, तो टीआई के नेतृत्व में पुलिस की टीम उस युवक को बचाने पहुंची, लेकिन आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी की मृत्यु हो गई। पुलिस पर हुए हमले की जानकारी मिलने के बाद अतिरिक्त बल को भेजा गया, जिससे घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आरोपियों ने पत्थरों से किया हमला
- मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने बताया कि युवक के बंधक बनाकर पीटे जाने की सूचना पर शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
- कमरा खोलने पर पता चला कि युवक सनी द्विवेदी की मौत हो चुकी है। पुलिस को देखकर आरोपी घबरा गए और उन पर हमला कर दिया।
- इस हमले में थाना प्रभारी संदीप भारतीय, हनुमना तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका, एएसआई बृहस्पति पटेल, एएसआई राम चरण गौतम, एसडीओपी अंकिता सूल्या और 25वीं बटालियन के जवाहर सिंह यादव समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
- एसडीओपी अंकिता सूल्या और एसआई आरती वर्मा ने खुद को गांव में एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
- पुलिस ने फायरिंग करते हुए गांव में धारा 144 लागू की और एसआई-एसडीओपी को बाहर निकाला। सनी द्विवेदी के शव को भी बाहर लाया गया।
- सभी घायलों को मऊगंज के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- अफसोस की बात है कि एएसआई राम चरण गौतम की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।