कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि तोरवा क्षेत्र के देवरीखुर्द में एक अवैध बांग्लादेशी युवक के रहने की सूचना मिली थी। पुलिस ने छापेमारी कर बांग्लादेश के जशोर जिले के ग्राम तोरफ नोआपारा के 20 वर्षीय हृदोय कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया।
HighLights
- पॉक्सो एक्ट, विदेशी लड़की को जबरन लाने व पासपोर्ट एक्ट का मामला।
- आरोपी ने शादी का झांसा देकर अपने गांव से लड़की को साथ लाया।
- स्थानीय मददगार ने युवक को बिलासपुर के टेंट हाउस में काम दिलाया।
Newsstate24 प्रतिनिधि, बिलासपुर। बांग्लादेश का यह युवक अपनी ही गांव की एक नाबालिग लड़की को भगाकर ले आया। वह बिलासपुर के देवरीखुर्द में एक किराए के मकान में रह रहा था और टेंट हाउस में काम कर रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और विदेशी लड़की को जबरन लाने तथा पासपोर्ट अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने जानकारी दी कि उन्हें तोरवा क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी युवक की उपस्थिति के बारे में सूचना मिली थी।
पुलिस ने देवरीखुर्द के नहरपारा में जाकर छापेमारी की और बांग्लादेश के जशोर जिले के ग्राम तोरफ नोआपारा का निवासी 20 वर्षीय हृदोय कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में युवक ने बताया कि उसने बांग्लादेश में रहने वाली नाबालिग को शादी का झांसा देकर अपने साथ लाया।
वह यहां एक साल से किराए के मकान में रहकर एक टेंट हाउस में काम कर रहा था और नाबालिग से शादी करके उसे अपने पास रखा था। पूछताछ के बाद आरोपित के खिलाफ बीएनएस की धारा 141, 143, 143(4), 64(2)(एम) और 4, 6 पॉक्सो एक्ट और पासपोर्ट अधिनियम 1946 की धारा 14ए(बी) के तहत कार्रवाई की गई।
बिना दस्तावेज के मिला किराए का घर
बांग्लादेश से भागकर आरोपित किसी तरह पश्चिम बंगाल पहुंचा, जहां से अपने परिचितों के माध्यम से वह बिलासपुर आया। यहां पश्चिम बंगाल के कई लोग लंबे समय से देवरीखुर्द क्षेत्र में रह रहे हैं। बांग्लाभाषी होने के कारण उसे यहां एक झोपड़ी किराए पर मिल गई।
उसे टेंट हाउस में काम भी दिला दिया गया था। इस दौरान उसने अपने परिचित के नाम पर एक मोबाइल सिम भी हासिल कर लिया, जिसके जरिए वह अपने परिवारवालों से संपर्क में था। उसके परिवार के सदस्य बांग्लादेश में ही रहते हैं।
बड़ी संख्या में रहते हैं बंगलाभाषी
तोरवा थाना प्रभारी अभय सिंह बैस ने बताया कि आरोपित युवक एक साल पहले यहां आया था। देवरीखुर्द के नहरपारा में बड़ी संख्या में बंगलाभाषी लोग रहते हैं, जो लंबे समय से यहां पर रहकर रोजी मजदूरी कर रहे हैं। कई लोगों ने यहां मकान भी बना लिए हैं।
इन्हीं में से एक ने युवक को मकान उपलब्ध कराया और उसे मोबाइल सिम भी दिलाया। इसके अलावा, काम दिलाने में भी उसकी मदद की गई। युवक के पास भारतीय दस्तावेज नहीं थे, सिर्फ बांग्लादेश का जन्म प्रमाण पत्र मिला, जिसे जब्त किया गया है।
एनजीओ के माध्यम से मिली सूचना
सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि बांग्लादेश में नाबालिग के अपहरण की शिकायत दर्ज है। वहां कार्यरत एक एनजीओ ने नागपुर स्थित फ्रीडम फर्म नामक सामाजिक संस्था से संपर्क किया और युवक की जानकारी दी।
इसके बाद एनजीओ के सदस्य रविवार को बिलासपुर पहुंचे और पुलिस के अधिकारियों से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद तोरवा पुलिस की टीम ने देवरीखुर्द में छापेमारी कर आरोपित को गिरफ्तार किया।