जैसे-जैसे होली का त्योहार नजदीक आता है, देशभर में इस रंगीन पर्व को लेकर उत्साह बढ़ जाता है। यह त्योहार अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक दोनों महत्ता के लिए जाना जाता है। इस खुशियों से भरे पर्व के साथ-साथ, आयुर्वेद विशेषज्ञ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में इस पर्व की भूमिका पर भी जोर देते हैं। खासकर, मौसमी परिवर्तन के समय, इस साल 12 मार्च को होली मनाई जाएगी।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से होली का क्या महत्व है?
होली और होलिका दहन में कई आयुर्वेदिक सिद्धांत समाहित हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा के अनुसार, यह त्योहार सर्दियों से वसंत के मौसम में होने वाले संक्रमण से संबंधित है। यह सूर्य की बढ़ती गर्मी के कारण शरीर में जमा कफ को बाहर निकालने का संकेत देती है। इस परिवर्तन से कफ दोष में वृद्धि हो सकती है, जो कफ से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकता है।
वसंत ऋतु में बीमारियों का खतरा
वसंत ऋतु की शुरुआत के साथ हैजा और चेचक जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए प्राचीन काल में ऋषियों ने होलिका दहन जैसे अनुष्ठानों का सुझाव दिया था। होली के एक दिन पहले जलने वाली प्रतीकात्मक शुद्धि अग्नि न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है, बल्कि कीटाणुओं को समाप्त कर वातावरण को भी शुद्ध करती है, विशेषकर सर्दी के मौसम में होने वाली सुस्ती के बाद।
कहा जाता है कि होलिका दहन में भाग लेने से कायाकल्प होता है, क्योंकि इसके धुएं में गाय के गोबर के उपलों, कपूर और नारियल की लकड़ी का प्रयोग होता है, जो रोगाणुओं को नष्ट करने वाले गुणों से भरपूर होते हैं। यह अनुष्ठान आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे त्योहार का समग्र अनुभव और भी बेहतर होता है।
ये भी पढ़ें: इंफेक्शन को दूर रखती है दूध के साथ पी जाने वाली ये चीज, ये है तरीका
मौसमी संक्रमण के दौरान संक्रामक बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं, इसलिए होलिका दहन निवारक स्वास्थ्य उपायों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। इन परंपराओं को अपनाकर लोग न केवल रंगों के साथ खेलने का आनंद लेते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मौसमी परिवर्तनों के दौरान उनका शरीर स्वस्थ और लचीला बना रहे।
Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यह बताना महत्वपूर्ण है कि ABPLive.com किसी भी मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
ये भी पढ़ें: रात को खाने के साथ सलाद में नहीं होनी चाहिए ये चीजें, आपके लिए हो सकती हैं खतरनाक