बच्चों की आंखों के लिए काजल: हमारे घरों में दादी-नानी से लेकर मम्मी-चाची तक, सभी छोटे बच्चों को तेल से मालिश करने के साथ-साथ काजल भी लगाते हैं। यह परंपरा काफी समय से चली आ रही है। माना जाता है कि काजल (Kajal) बच्चों को बुरी नजर से बचाता है और उनकी आंखों को खूबसूरत और बड़ी बनाता है। लेकिन क्या यह सच है या केवल एक धारणा? आइए इस पर चर्चा करते हैं।
क्या काजल लगाना चाहिए या नहीं?
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डॉक्टरों के अनुसार, हमारी आंखों के ऊपरी हिस्से में एक ग्रंथि होती है जिसे लेक्रिमल ग्लैंड कहा जाता है, जो आंसू बनाती है। जब हम पलकें झपकाते हैं, तो यह आंसू कार्निया में फैल जाते हैं और नलिकाओं (Tear Ducts) के माध्यम से निकलते हैं। आंसू आंखों को सूखापन, गंदगी और धूल से बचाने में मदद करते हैं। ऐसे में अगर हम आंखों में काजल लगाते हैं, तो इससे आंसू नलिका जाम हो सकती है।
क्या काजल से बच्चों की आंखें बड़ी होती हैं?
डॉक्टरों का कहना है कि काजल लगाने से बच्चों की आंखों की संरचना पर कोई असर नहीं पड़ता। इससे आंखें थोड़ी चमकदार और उभरी हुई लग सकती हैं, लेकिन उनकी वास्तविक साइज में कोई बदलाव नहीं होता। आजकल जो काजल बाजार में उपलब्ध हैं, उन्हें बच्चों की आंखों पर लगाना उचित नहीं है, क्योंकि उनकी आंखें और त्वचा बहुत संवेदनशील होती हैं, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है।
काजल लगाने से आंखों को क्या नुकसान हो सकता है?
1. काजल लगाने से बच्चों की आंखों में जलन हो सकती है।
2. काजल के कारण आंखों में लालपन और पानी आ सकता है।
3. काजल चिकना होता है, जिससे बच्चों की आंखों में धूल और मिट्टी चिपक सकती है, जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।
4. कुछ बच्चों को काजल से एलर्जी भी हो सकती है।
क्या बच्चों को काजल नहीं लगाना चाहिए?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि बच्चों को काजल लगाना ही है, तो घर पर बना देसी काजल उपयोग में लाया जा सकता है। बाजार में मिलने वाले काजल में केमिकल होते हैं, जो बच्चों की त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं और इससे उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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