दिल्ली एनसीआर की 24 वर्षीय कामकाजी पेशेवर, आशना गुप्ता, को पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हुआ। जब उन्होंने चेकअप कराया, तो पता चला कि उन्हें फैटी लिवर की समस्या है। वह तेज दर्द के कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास गई थीं, जो यूटीआई के कारण था। हालांकि, स्कैन के दौरान यह भी सामने आया कि उन्हें पीसीओडी (महिलाओं में एक सामान्य समस्या) है और ग्रेड 1 फैटी लिवर भी है। वर्तमान समय में, युवाओं में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
आईटी क्षेत्र के 80 प्रतिशत कर्मचारियों में फैटी लिवर की समस्या
हाल में किए गए एक अध्ययन में यह पता चला है कि भारत में 80 प्रतिशत आईटी पेशेवर काम के दबाव के चलते पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं कर पाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें फैटी लिवर की समस्या हो रही है। 2021 में ‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी’ में प्रकाशित NAFLD (गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग) पर 50 शोधकर्ताओं द्वारा 62 डेटा सेटों के मेटा-विश्लेषण में यह स्पष्ट हुआ कि भारत में 38 प्रतिशत वयस्कों को NAFLD है, जिसमें चंडीगढ़ में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा 53.5 प्रतिशत है। बच्चों में इसका प्रचलन 35 प्रतिशत पाया गया।
अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग
फैटी लिवर की बीमारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। इसे अल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग (AFLD) और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। एनएएफएलडी, जैसे कि आशना की स्थिति, विशेष रूप से युवा आबादी में अधिक आम है, खासकर उन लोगों में जिन्हें चयापचय संबंधी समस्याएं हैं।
फैटी लिवर के प्रकार
फैटी लिवर खुद में बहुत खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके चार चरण होते हैं: सामान्य फैटी लिवर, सूजन (स्टीटोहेपेटाइटिस), फाइब्रोसिस और सिरोसिस। यदि समय पर पता चल जाए तो फैटी लिवर का इलाज संभव है, लेकिन एक बार सिरोसिस विकसित हो जाने पर इससे काफी नुकसान हो सकता है।
फैटी लिवर के लक्षण
आम तौर पर, शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ समस्याओं के माध्यम से यह ज्ञात किया जा सकता है कि फैटी लिवर की बीमारी है या नहीं। फैटी लिवर के लक्षणों में शामिल हैं:
1- बार-बार उल्टी जैसा महसूस होना।
2- भूख में कमी।
3- खाना ठीक से नहीं पचना।
4- लगातार थकान महसूस होना।
5- अचानक कमजोरी का अनुभव।
6- वजन में कमी।
7- पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन।
फैटी लिवर से बचाव?
दवाओं के अलावा, कुछ घरेलू उपाय हैं जिनसे आप फैटी लिवर से बच सकते हैं। खुद को स्वस्थ रखने और फैटी लिवर से बचाव के लिए आप निम्नलिखित घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं:
1- नारियल पानी, दाल, दाल का पानी और छाछ का सेवन करें।
2- प्रतिदिन व्यायाम करें, भले ही कम हो, लेकिन व्यायाम न छोड़ें।
3- लहसुन का उपयोग करें, सभी सब्जियों में लहसुन का प्रयोग करें।
4- रात का खाना 9 बजे से पहले ही कर लें, देर रात खाना न खाएं।
5- शराब और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करें।
6- भोजन को अच्छी तरह चबा कर खाएं।
7- गैस बनाना वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
8- ब्रोकली, मछली, एवोकाडो का अधिक सेवन करें।
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