Milk Veg or Non Veg : हाल के वर्षों में दुनिया भर में वीगन डाइट का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। भारत में भी कई लोग इस आहार को अपनाते हैं, जो शाकाहारी आहार से आगे बढ़कर है। इसमें न केवल मांस या अंडे शामिल नहीं होते, बल्कि डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, घी, मावा और पनीर का भी सेवन नहीं किया जाता है। कुछ लोग तो शहद को भी अपने आहार से हटा देते हैं। इसमें केवल अनाज, सब्जियां, फल, फलियां और सूखे मेवे शामिल होते हैं। लेकिन यह सवाल उठता है कि वीगन लोग दूध को नॉनवेज क्यों मानते हैं। आइए, इसके पीछे के कारणों को समझते हैं…
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वीगन डाइट में किन चीजों से परहेज
वीगन डाइट (Vegan Diet) अपनाने वाले लोग किसी भी ऐसी चीजों से दूर रहते हैं जो पर्यावरण या जानवरों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस आहार में मांस और समुद्री उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता है। यहां तक कि दूध और दही को भी नॉनवेज के रूप में देखा जाता है।
वीगन डाइट योजना में पशु उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता, जिसमें दूध, दही, शहद, घी, मक्खन, और खोए से बनी मिठाइयां शामिल हैं। इस आहार में केवल पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों का ही सेवन किया जाता है, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें। कच्चे खाद्य पदार्थों के सेवन पर जोर दिया जाता है।
दूध को नॉनवेज क्यों मानते हैं वीगन लोग
1. डेयरी उद्योग में पशु शोषण
वीगन लोग मानते हैं कि दूध निकालने की प्रक्रिया में जानवरों का शोषण होता है। गायों और भैंसों को बार-बार कृत्रिम रूप से गर्भवती किया जाता है ताकि वे निरंतर दूध देती रहें। उनके नवजात बछड़ों को जन्म के तुरंत बाद ही अलग कर दिया जाता है, जिससे उन्हें अपनी मां का दूध नहीं मिल पाता। इससे जानवरों को मानसिक और शारीरिक पीड़ा होती है।
2. डेयरी इंडस्ट्री और बूचड़खाने का संबंध
3. पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव
दूध उत्पादन का पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। बड़े पैमाने पर डेयरी फार्मिंग से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देता है। गायों द्वारा उत्सर्जित मीथेन गैस वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिए हानिकारक होती है। इसके अतिरिक्त, दूध उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में पानी और चारे की आवश्यकता होती है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग होता है।
4. स्वास्थ्य पर प्रभाव
कई शोध बताते हैं कि डेयरी उत्पादों का अधिक सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कुछ लोगों को लैक्टोज असहिष्णुता होती है, जिससे दूध का पाचन कठिन हो जाता है। इसके अलावा, डेयरी उत्पादों को हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर से भी जोड़ा गया है। इसी कारण से कई लोग स्वस्थ रहने के लिए वीगन डाइट को अपनाते हैं।
5. दया की भावना
वीगन लोग मानते हैं कि सभी जीवों को स्वतंत्रता और बिना किसी पीड़ा के जीवन जीने का अधिकार है। दूध उत्पादन के लिए जानवरों को बंदी बनाकर रखा जाता है, उन्हें मजबूर किया जाता है और अंततः बूचड़खाने में भेजा जाता है। यह अमानवीय है। इसलिए, वे दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
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