भारत-बांग्लादेश संबंध: भारत ने बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस पर बांग्लादेश ने भारत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने इसे अनुचित और भ्रामक करार दिया है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह उनकी संप्रभुता और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा है। रफीकुल आलम ने एक प्रेस ब्रीफिंग में उल्लेख किया, “भारत की तरफ से की गई ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं और किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का समान हैं। ये टिप्पणियां भ्रामक हैं और वास्तविकता का गलत प्रतिनिधित्व करती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ मित्रता के संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उम्मीद जताई कि भारत सरकार अपने अधिकारियों को ऐसी टिप्पणियों से रोकने के लिए कदम उठाएगी।
भारत ने क्या कहा था?
7 मार्च को भारत ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समावेशी बांग्लादेश का समर्थन करता है, जिसमें सभी मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से हल किया जाना चाहिए। भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी चिंता जताई और कहा कि यह बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश में आतंकियों की रिहाई पर भी प्रश्न उठाए और इन मुद्दों पर ठोस कार्रवाई की अपेक्षा की।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति और भारत की भूमिका
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर समय-समय पर हमलों की घटनाएं होती रही हैं। भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपेक्षा की थी कि वह दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी। भारत ने यह भी कहा कि हाल की सुरक्षा स्थिति ने विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावित किया है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव
भारत और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मजबूत रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने इन संबंधों में तनाव पैदा किया है। बांग्लादेश ने भारत की आलोचना को अपनी संप्रभुता पर हमला माना है, जबकि भारत का कहना है कि वह बांग्लादेश में कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
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