ग्वादर में चीन-पाकिस्तान परियोजना: पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के ग्वादर को “पाकिस्तान का दुबई” बनाने का सपना देखा था। वास्तव में, चीन की सहायता से इस क्षेत्र में एक बड़ा एयरपोर्ट, गहरे पानी का बंदरगाह और आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा था। हालांकि, यह परियोजना अब स्थानीय विद्रोह और सुरक्षा समस्याओं में उलझती जा रही है।
ग्वादर में चीन की उपस्थिति के कारण बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) समेत कई अलगाववादी समूहों ने विरोध बढ़ा दिया है। स्थानीय समुदाय आरोप लगा रहे हैं कि चीन ने ग्वादर को एक “सुरक्षा क्षेत्र” में बदल दिया है, जहां उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
चीन ने पाकिस्तान में इतना बड़ा निवेश क्यों किया?
ग्वादर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परियोजना 62 बिलियन डॉलर की है और इसे 2015 में चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत शुरू किया गया था।
CPEC में क्या शामिल है?
ग्वादर एयरपोर्ट (230 मिलियन डॉलर)
ग्वादर पोर्ट – जिसका 90% लाभ चीन को जाता है
हाईवे, रेलवे, बिजली संयंत्र।
चीन का असली उद्देश्य क्या है?
CPEC के माध्यम से चीन को मध्य एशिया और अफ्रीका तक व्यापार मार्गों पर नियंत्रण प्राप्त होगा। ग्वादर चीन के लिए एक सैन्य ठिकाने के रूप में भी विकसित हो सकता है। चीन इस गहरे पानी के बंदरगाह का उपयोग अपनी नौसेना के लिए करना चाहता है।
ग्वादर के स्थानीय लोग क्यों नाराज हैं?
ग्वादर में रोजगार की बजाय सुरक्षा निगरानी के बढ़ने से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। यहाँ ऊँची बाड़, सुरक्षा चौकियां और पुलिस-मिलिट्री गश्त बढ़ गई हैं। चीनी श्रमिकों के लिए अलग ज़ोन बनाए गए हैं, जिससे स्थानीय लोग परायापन महसूस कर रहे हैं। स्थानीय मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जा रहा है, और गहरे पानी के बंदरगाह पर उनकी एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पाकिस्तानी सेना उनकी नौकाओं पर छापे मार रही है। उल्लेखनीय है कि ग्वादर पोर्ट से होने वाली कमाई का केवल 10% हिस्सा ही पाकिस्तान को मिलता है। ग्वादर में एक गधा वध करने वाली फैक्ट्री बनाई जा रही है, जहां अफ्रीका से गधों को लाकर उन्हें चीनी दवा उद्योग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। यह परियोजना स्थानीय समुदायों में भारी विरोध का कारण बनी हुई है।
70 वर्षीय मछुआरे दाद करीम का कहना है, “हमने पूरा समुद्र खो दिया है। जब हम मछली पकड़ने जाते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हम चोरी कर रहे हैं। यह अब चीनी लोगों का क्षेत्र बन चुका है।”
BLA के अब तक के बड़े हमले
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) CPEC को “बलूचिस्तान की संपत्ति लूटने की साजिश” बताती है। अक्टूबर 2023 में कराची एयरपोर्ट के पास चीनी नागरिकों की हत्या, 2022 में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज और चीनी दूतावास पर हमला, 2018 में ग्वादर में चीनी होटल पर आतंकी हमला। BLA का कहना है, “हम अपने संसाधनों की लूट बर्दाश्त नहीं करेंगे। चीन और पाकिस्तान बलूचिस्तान के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।”
चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी
ग्वादर और बलूचिस्तान में बढ़ते हमलों के कारण, चीन ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। चीन ने मांग की है कि CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा को बढ़ाया जाए, और पाकिस्तान में चीनी सैनिकों (PLA) को तैनात करने की अनुमति दी जाए। अगर सुरक्षा की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो चीन निवेश रोकने का निर्णय ले सकता है। इसी बीच, पाकिस्तान में चीन के राजदूत वांग शेंगजी ने कहा, “अगर सुरक्षा में सुधार नहीं होता है, तो कौन इस माहौल में निवेश करेगा? बलूचिस्तान में चीन के खिलाफ गहरी नफरत है।”