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गुझिया, रंग और बचपन की मस्ती: शुभांगी अत्रे, दीपिका सिंह सहित टीवी सितारों ने साझा की अपनी सबसे खास होली की यादें

होली का त्यौहार आते ही हर किसी के मन में रंगों की खुशी उमड़ने लगती है। … गुझिया, रंग और बचपन की मस्ती: शुभांगी अत्रे, दीपिका सिंह सहित टीवी सितारों ने साझा की अपनी सबसे खास होली की यादेंRead more

गुझिया, गुलाल और बचपन की शरारतें:शुभांगी अत्रे, दीपिका सिंह समेत टीवी सेलेब्स ने साझा की अपनी सबसे यादगार होली

होली का त्यौहार आते ही हर किसी के मन में रंगों की खुशी उमड़ने लगती है। टीवी के अभिनेता भी इस अवसर पर अपनी खास यादें साझा कर रहे हैं। यह त्योहार कुछ के लिए बचपन की शरारतों का हिस्सा है, तो कुछ के लिए परिवार के साथ बिताए मीठे पलों की यादें। योगेश त्रिपाठी, विदिशा श्रीवास्तव, गीतांजलि मिश्रा, शुभांगी अत्रे, रोहिताश्व गौड़ जैसे कई सेलेब्स ने अपनी होली की यादों को साझा किया है।

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**शुभांगी अत्रे:** बचपन की होली की यादें अभी भी ताजा हैं। हमारे मोहल्ले में होली की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती थीं। गुलाल और पिचकारियों की खरीदारी, होलिका दहन की रस्में, और मां के हाथों से बने पकवानों की खुशबू – यह सब त्योहार को खास बनाता था। मैंने मां से गुझिया और मालपुआ बनाना सीखा और अब हर होली पर वही पारंपरिक स्वाद दोहराने की कोशिश करती हूं। इस साल हम देहरादून में फिल्म सेट पर होली मनाने जा रहे हैं, लेकिन परिवार से दूर होते हुए भी होली का वही जोश और अपनापन महसूस करने की कोशिश करूंगी।

**दीपिका सिंह:** मुझे होली खेलना ज्यादा पसंद नहीं है, लेकिन हर साल कोई न कोई रंग लगा ही देता है। मैं घर में रहना पसंद करती हूं क्योंकि मुझे गुलाल और पानी वाले रंगों से एलर्जी है। लेकिन एक खास याद है जब मेरी मां हर साल होली पर ताजे खोए के मालपुए बनाती थीं। पूरे घर में घी की खुशबू फैल जाती थी और हम बेसब्री से उनके खाने का इंतजार करते थे। अब भी हमारे परिवार में यह परंपरा कायम है।

**आयशा सिंह:** मेरे लिए बचपन की होली की यादें बहुत खूबसूरत हैं। पापा हमें स्कूटर पर बिठाकर हमारे कजिन्स के घर ले जाते थे, जहां पूरा परिवार मिलकर होली मनाता था। सब मिलकर गुलाल लगाते थे, म्यूजिक सुनते थे और खूब मस्ती होती थी। मेरी मम्मा रंगों से परहेज करती थीं, इसलिए वह हमेशा होली के दिन घर के अंदर छिप जाती थीं।

**विदिशा श्रीवास्तव:** मेरे लिए होली का मतलब सिर्फ रंगों से खेलना नहीं है, बल्कि बचपन की अनगिनत यादों से जुड़ा है जो बनारस की गलियों में बिताए गए हैं। बनारस की होली अपने जोश और भक्ति से ओतप्रोत होती है। मां के पकवानों की खुशबू, गंगा घाटों पर होली और मंदिरों में होने वाली आरती का माहौल – यह सब मिलकर होली को खास बनाता है। अब मैं मुंबई में रहकर शूटिंग में व्यस्त हूं, लेकिन हर साल बनारस की होली को बहुत याद करती हूं।

**गीतांजलि मिश्रा:** मेरे लिए होली का त्योहार सिर्फ रंगों का नहीं है, बल्कि यह हंसी-ठिठोली और रिश्तों को मजबूत करने का अवसर है। मुझे होली के दिन पकवान बनाना बहुत पसंद है, और यह आदत मैंने अपनी मां से सीखी है। उनके साथ गुझिया, मालपुआ और दहीबड़ा बनाकर परिवार के साथ इसका आनंद लेना मेरी सबसे प्यारी यादें हैं।

**कृष्णा भारद्वाज:** मैंने गुझिया बनाना सीखा, लेकिन वे समोसे जैसी बन गईं। मां अब भी इस पर मुझे चिढ़ाती हैं। सेट पर हम अक्सर अपनी पसंदीदा होली मिठाइयों के बारे में बात करते हैं। मेरे लिए गरमा-गरम पकौड़ों के साथ ठंडाई का मजा सबसे खास है।

**योगेश त्रिपाठी:** उत्तर प्रदेश के गांव की होली का मजा ही कुछ और होता था। चारों ओर रंग, मस्ती और मिठाइयाँ होती थीं। पूजा के बाद हम गुलाल उड़ाकर नाचते थे। बरसाना की लट्ठमार होली और वृंदावन की फूलों वाली होली अद्भुत होती है। इस बार मैं वहां नहीं जा पा रहा, लेकिन घर पर गुझिया बनाकर और पारंपरिक रिवाज निभाकर होली का आनंद लूंगा।

**रोहिताश्व गौड़:** शिमला की होली का मजा भी अलग था। ठंड के बावजूद, सुबह-सुबह हम बच्चे तैयार हो जाते थे – हाथ में पिचकारियाँ और जेब में गुलाल। पूरे मोहल्ले में ढोल-नगाड़ों के साथ होली खेली जाती थी। जब मैं मुंबई में रहता हूं, तो भी हमेशा कोशिश करता हूं कि होली को उसी जोश से मनाऊं।

**मिश्कत वर्मा:** होली मेरा सबसे पसंदीदा त्योहार है। मुझे रंगों से खेलना बहुत पसंद है और मैं सुबह 11 बजे से लेकर रात 12 बजे तक होली खेलता हूं। मेरी सबसे खूबसूरत याद कॉलेज के दिनों की है, जब हम दोस्तों के साथ कैंपस में होली खेलते थे।

**अरव चौधरी:** जयपुर में होली मेरे लिए हमेशा खास दिन रहा है। हम 10-15 दिन पहले से ही होली की तैयारियां शुरू कर देते थे। अब भी होली मेरे लिए खुशियों से भरा त्योहार है। बॉलीवुड में सबसे शानदार होली अमिताभ बच्चन के घर होती थी, और अब मैं घर पर अपनी पसंदीदा गुजिया का आनंद लेता हूं।

होली ऊर्जा, अपनापन और रंगों का त्यौहार है। हम ऑर्गेनिक गुलाल से होली खेलने का प्रयास करते हैं ताकि परंपरा के साथ-साथ सेहत का भी ध्यान रखा जा सके।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb