रविवार को दुबई में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 4 विकेट से जीत हासिल कर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। मेडल समारोह के दौरान खिलाड़ियों के सफेद ब्लेजर ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, टीम इंडिया ने यह सफेद ब्लेजर क्यों पहना? इसका उत्तर है, ‘यह सम्मान का प्रतीक है, जो सबसे बेहतरीन वनडे टीम को प्रदान किया जाता है।’
चैंपियंस ट्रॉफी में दुनिया की शीर्ष-8 टीमें हिस्सा लेती हैं, और विजेता इसे प्राप्त करती है। ICC के अनुसार, यह जैकेट उत्कृष्टता का प्रतीक है, जो भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती है। इस जैकेट को सबसे पहले 2009 के सीजन में चैंपियन बनी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहना था। उस समय कंगारुओं ने चैंपियंस ट्रॉफी में लगातार दूसरा खिताब जीता था। इसके अलावा, पैट कमिंस की अगुवाई वाली टीम ने पिछले तीन वनडे वर्ल्ड कप (1999, 2003 और 2007) भी जीते थे। तब से हर चैंपियंस ट्रॉफी सीजन की विजेता टीमें खिताब जीतने पर इसे पहनती हैं।
इस सफेद ब्लेजर का डिजाइन मुंबई की एक फैशन डिजाइनर बबिता एम ने किया है। जैकेट में चैंपियंस ट्रॉफी का लोगो, इटालियन ऊन, सोने की ब्रांडिंग और सोने की कढ़ाई का काम किया गया है।
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने 14 जनवरी को इस सफेद ब्लेजर का अनावरण किया। उन्होंने इसे प्रतिभा और विरासत का प्रतीक बताया। उनका कहना है कि यह सफेद जैकेट उच्च स्तर पर खेल रहे खिलाड़ियों का सम्मान करती है और उनमें उत्साह पैदा करती है।
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रविंद्र जडेजा बने चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के सर्वश्रेष्ठ फील्डर। ड्रेसिंग रूम में फील्डिंग कोच दिलीप ने उन्हें मेडल पहनाया। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में 4 विकेट से जीत हासिल की। पढ़ें पूरी खबर…