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“पैसों की कमी से जूझते हुए मां की छोटी बचत ने बदल दी जिंदगी! जानें कैसे एक व्यक्ति ने शार्क टैंक में लाखों रुपये जीते!”

**अंतिम अद्यतन:** मार्च 16, 2025, 06:33 IST ### आलोक रंजन की प्रेरक कहानी: ‘गांव रेस्टोरेंट’ की … “पैसों की कमी से जूझते हुए मां की छोटी बचत ने बदल दी जिंदगी! जानें कैसे एक व्यक्ति ने शार्क टैंक में लाखों रुपये जीते!”Read more

**अंतिम अद्यतन:** मार्च 16, 2025, 06:33 IST

### आलोक रंजन की प्रेरक कहानी: ‘गांव रेस्टोरेंट’ की स्थापना और शार्क टैंक में 80 लाख का निवेश

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पूर्वी चंपारण के चिंतामणपुर गांव के आलोक रंजन ने दिल्ली में ‘गांव रेस्टोरेंट’ की स्थापना की, जहाँ लिट्टी-चोखा और अन्य पारंपरिक व्यंजन पेश किए जाते हैं। कठिनाइयों के बावजूद, आलोक का ब्रांड शार्क टैंक में 80 लाख का निवेश प्राप्त करने में सफल रहा है।

![Aalok Ranjan](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/03/HYP_5039616_1742063757648015_1-scaled.png?impolicy=website&width=640&height=270)

#### मुख्य बातें:
– आलोक रंजन को शार्क टैंक में 80 लाख का निवेश मिला।
– ‘गांव रेस्टोरेंट’ में लिट्टी-चोखा और अन्य पारंपरिक व्यंजन परोसे जाते हैं।
– आलोक का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में 5000 लोगों को रोजगार प्रदान करना है।

### आलोक की संघर्ष भरी यात्रा

**पूर्वी चंपारण** से निकलकर आलोक ने अपने सपनों को साकार करने की ठानी। 2012 में रेस्टोरेंट बिजनेस में कदम रखने के समय, उनकी मां ने पहले निवेश के रूप में पूंजी जुटाई। आलोक कहते हैं, “यह सफर आसान नहीं था। दो बार रेस्टोरेंट बंद हो चुका था और कई बार नकारात्मक विचार आए। लेकिन मेरा दृष्टिकोण स्पष्ट था, और इसी वजह से मैंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा।”

### संघर्षों के बीच की कठिनाइयाँ

आलोक ने बताया कि शुरुआती दिनों में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। “कभी-कभी मेरी जेब में केवल 100 रुपये होते थे, जिसमें से आधा भाड़े में खर्च हो जाता था।” उन्होंने अपने स्टाफ की मदद के लिए भी अपने खाने की कीमतें कम कीं और खुद भूखा रह जाते थे।

### शार्क टैंक में सफलता का सफर

आलोक का शार्क टैंक में जाना एक चुनौतीपूर्ण अनुभव था। “यह मेरी जिद थी। तीसरी बार में मुझे सफलता मिली।” उनके प्रयासों ने उनकी ब्रांड की पहचान को बढ़ाया, और अब उन्हें फ्रेंचाइजी के लिए हजारों कॉल आ रही हैं।

### भविष्य की योजनाएँ

आलोक का मानना है कि खाना हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है। “बड़े शहरों में गांव का खाना गायब है, और मैं इस कमी को पूरा करना चाहता हूं।” वर्तमान में वे 50 लोगों को रोजगार दे रहे हैं और अगले 5 वर्षों में 5000 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखते हैं।

आलोक रंजन की कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, दृढ़ता और सपनों की पहचान से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। ‘गांव रेस्टोरेंट’ न केवल एक रेस्टोरेंट है, बल्कि यह एक प्रेरणा है जो हमें हमारे सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाती है।

[और जानें](https://hindi.news18.com/news/business/success-story-gaon-restaurant-mother-made-the-first-investment-in-her-son-business-now-received-lakhs-on-shark-tank-local18-9103556.html)

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb