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नोएल टाटा ने रतन टाटा एनडowment ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हुए, दारियस खंबाटा ने RTET से इस्तीफा दिया।

नोएल टाटा, जो टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन हैं, ने हाल ही में रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट … नोएल टाटा ने रतन टाटा एनडowment ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हुए, दारियस खंबाटा ने RTET से इस्तीफा दिया।Read more

नोएल टाटा, जो टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन हैं, ने हाल ही में रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) के बोर्ड में शामिल होने का निर्णय लिया है। उनके साथ, रतन टाटा की सौतेली बहनें शिरीन और दीना जिजीभॉय भी ट्रस्ट में नियुक्त की गई हैं। ये नियुक्तियां मौजूदा ट्रस्टीज़ प्रमित झावेरी और डेरियस खंबाटा द्वारा की गई हैं। इसके अतिरिक्त, टाटा ग्रुप के दो अन्य अधिकारी, आर.आर. शास्त्री और जमशेद पोंचा को भी ट्रस्ट में शामिल किया गया है। इन परिवर्तनों के बाद, डेरियस खंबाटा ने RTET बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।

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रतन टाटा की विरासत

रतन टाटा ने अपनी संपत्ति और चैरिटेबल कार्यों के लिए यह ट्रस्ट स्थापित किया था। यह ट्रस्ट उनकी संपत्ति का प्रबंधन करेगा और भविष्य में दान के कार्यों के लिए फंड जुटाने का कार्य करेगा। रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, उनकी संपत्ति का बंटवारा तभी शुरू होगा जब इसे हाई कोर्ट से स्वीकृति मिल जाएगी। इस प्रक्रिया में लगभग छह महीने लग सकते हैं। शिरीन और दीना जिजीभॉय, जो रतन टाटा की सौतेली बहनें हैं, उनकी वसीयत के एक्जीक्यूटर भी हैं। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, वसीयत में लाभार्थियों को संगठनों में पद ग्रहण करने से रोकने वाली कोई पाबंदी नहीं है।

ट्रस्ट और एंडोमेंट फंड का महत्व

रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) एक सेक्शन 8 कंपनी है, जो चैरिटेबल कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती है। दूसरी ओर, RTET एक प्राइवेट ट्रस्ट है, जो भारतीय ट्रस्ट एक्ट, 1882 के अंतर्गत कार्य करता है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, एंडोमेंट फंड एक वित्तीय साधन है, जो निवेश के माध्यम से पूंजी को बढ़ाता है और चैरिटेबल कार्यों के लिए आय उत्पन्न करता है। ट्रस्ट एक कानूनी ढांचे के रूप में कार्य करता है, जो संपत्ति का प्रबंधन करता है और यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति का उपयोग दान के उद्देश्यों के अनुसार किया जाए।

इन नियुक्तियों की आवश्यकता

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट एंड ब्रीफ के मैनेजिंग पार्टनर, निलेश त्रिभुवन्न ने बताया कि ये नियुक्तियां ट्रस्ट के शासन और संचालन को सुदृढ़ करेंगी। यह कदम फिड्यूशरी जिम्मेदारी को बढ़ाएगा, जवाबदेही को मजबूत करेगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएगा। इससे रतन टाटा की चैरिटेबल योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।

सूत्रों का कहना है कि RTET और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकते हैं, जिससे दोनों को लाभ होगा। यह सहयोग टाटा ग्रुप के चैरिटेबल मिशन को आगे बढ़ाने में सहायता करेगा।

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कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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