### अंतिम अपडेट: 16 मार्च, 2025, 12:17 IST

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### मुख्य बातें
– **मार्च में निकासी:** इस महीने के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 30,000 करोड़ रुपये निकाले हैं।
– **कुल निकासी का आंकड़ा:** 2025 में अब तक FPI ने 1.42 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है।
– **लगातार निकासी:** ये एफपीआई की लगातार 14वीं हफ्ते की निकासी है।
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### विदेशी निवेशकों की निकासी का सिलसिला
**नई दिल्ली:** भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा धन निकालने की प्रक्रिया जारी है। वैश्विक व्यापार तनाव के चलते, एफपीआई ने मार्च के पहले पखवाड़े में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इस महीने से पहले, फरवरी में उन्होंने 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे। इस समय विदेशी निवेशक अपने निवेश को भारत से निकालकर चीन के शेयरों में डाल रहे हैं।
### आंकड़े और प्रवृत्तियाँ
– **कुल निकासी का आंकड़ा:** 2025 में एफपीआई द्वारा निकाली गई राशि अब 1.42 लाख करोड़ रुपये (16.5 अरब अमेरिकी डॉलर) तक पहुँच गई है।
– **मार्च की निकासी:** 13 मार्च तक एफपीआई की निकासी 30,015 करोड़ रुपये रही है, जो लगातार 14 हफ्तों की निकासी का हिस्सा है।
### कारणों की जांच
#### व्यापार नीतियों की अनिश्चितता
हिमांशु श्रीवास्तव, मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च, के अनुसार, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के कारण वैश्विक स्तर पर जोखिम उठाने की क्षमता प्रभावित हुई है। इसलिए, एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों के प्रति सतर्कता दिखा रहे हैं।”
#### अमेरिकी बॉंड यील्ड और डॉलर की मजबूती
एफपीआई की निकासी के अन्य प्रमुख कारण अमेरिकी बॉंड यील्ड में वृद्धि और डॉलर की मजबूती हैं। इन दोनों कारकों ने अमेरिकी परिसंपत्तियों को अधिक आकर्षक बना दिया है। इसके साथ ही, भारतीय रुपये में गिरावट ने भी इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए रिटर्न कम हो रहा है।
### चीन में बढ़ता निवेश
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वी के विजयकुमार का कहना है कि एफपीआई अब भारत से पैसे निकालकर चीन के शेयरों में निवेश कर रहे हैं, जो अन्य बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा, “डॉलर इंडेक्स में हालिया गिरावट अमेरिका में फंड के प्रवाह को सीमित करेगी, और व्यापार युद्ध के चलते सुरक्षित परिसंपत्तियों में अधिक निवेश होने की संभावना है।”
### बॉंड बाजार में एफपीआई का निवेश
आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में एफपीआई ने बॉंड्स में सामान्य सीमा के तहत 7,355 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 2024 में एफपीआई का भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रह गया, जबकि 2023 में उन्होंने 1.71 लाख करोड़ रुपये लगाए थे। 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के कारण 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
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### निष्कर्ष
विदेशी निवेशकों की भारत से धन निकालने की प्रवृत्ति और इसके परिणामस्वरूप चीन में निवेश की बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ भारतीय बाजार पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। भविष्य में देखना दिलचस्प होगा कि ये परिवर्तन भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करते हैं।