बैंगलोरू । प्रधानमंत्री सिद्धारामैया ने बताया कि कर्नाटक सरकार को आगामी वित्त वर्ष (2025-26) में व्यापारिक कर और केंद्र से आने वाले अनुदान सहित विभिन्न स्रोतों से 4,08,647 करोड़ रुपये की आय आने की उम्मीद है। बजट पेश करते समय उन्होंने बताया कि आगामी वित्त वर्ष में कुल राजस्व आय 2,92,477 करोड़ रुपये रहने की अनुमानित है, जिसमें 2,08,100 करोड़ रुपये कर राजस्व, 16,500 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 67,877 करोड़ रुपये भारत सरकार से आने वाली आय शामिल हैं।
सिद्धारामैया ने व्याख्या की कि 2025-26 के लिए इन राजस्व आयों के अतिरिक्त 1.16 लाख करोड़ रुपये की कुल ऋण और 170 करोड़ रुपये गैर-ऋण पूंजी आयें अनुमानित हैं। “वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में कुल आय 4,08,647 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।” कर्नाटक सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यापारिक कर विभाग के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है।
साथ ही, स्टाम्प और पंजीकरण से 28,000 करोड़ रुपये, मोटर वाहन कर से 15,000 करोड़ रुपये और रॉयल्टी संग्रह से 9,000 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य ने व्यावसायिक कर प्रबंधन को और अधिक सुविधाजनक और कुशल बनाने का भी लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, “वेतन और मजदूरी पाने वालों द्वारा फरवरी माह के लिए देय व्यावसायिक कर को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये करने के लिए व्यावसायिक कर अधिनियम में उपयुक्त संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि इसे 2,500 रुपये प्रति वर्ष की अधिकतम स्वीकार्य सीमा के अनुरूप बनाया जा सके।”
स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग ने संपत्ति पंजीकरण को सरल बनाने के लिए ई-खाता अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से संपत्ति धोखाधड़ी में कमी आएगी और करों से बचने के लिए संपत्तियों का कम मूल्यांकन करने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे बिना मूल्यांकन वाली संपत्तियां भी मूल्यवान सूची में शामिल हो जाएगी। सिद्धारामैया ने कहा कि सरकार दुरुपयोग और धोखाधड़ी को रोकने के लिए चालू वर्ष से गैर-पंजीकरण योग्य दस्तावेजों के लिए डिजिटल ई-स्टाम्पिंग शुरू करेगी।