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IISER Bhopal to Launch Unique School Teaching How to Build and Fly Drones

अब आईआईएसईआर (IISER) भोपाल में देश का पहला ऐसा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जहां … IISER Bhopal to Launch Unique School Teaching How to Build and Fly DronesRead more

अब आईआईएसईआर (IISER) भोपाल में देश का पहला ऐसा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जहां न सिर्फ ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, बल्कि इनकी डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्निकल डेवलपमेंट तक की शिक्षा दी जाएगी.

अब आईआईएसईआर (IISER) भोपाल में देश का पहला ऐसा स्कूल ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जहां न सिर्फ ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, बल्कि इनकी डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्निकल डेवलपमेंट तक की शिक्षा दी जाएगी.

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सरकार का उद्देश्य है कि यह स्कूल न केवल युवाओं को रोजगार के नए अवसर दे, बल्कि प्रदेश को ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनाए. इसके लिए आईआईएसईआर भोपाल को आईआईटी मुंबई, हैदराबाद और इंदौर जैसे बड़े तकनीकी संस्थानों का भी सहयोग मिलेगा. इस पहल की निगरानी खुद राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से की जाएगी.

सरकार का उद्देश्य है कि यह स्कूल न केवल युवाओं को रोजगार के नए अवसर दे, बल्कि प्रदेश को ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनाए. इसके लिए आईआईएसईआर भोपाल को आईआईटी मुंबई, हैदराबाद और इंदौर जैसे बड़े तकनीकी संस्थानों का भी सहयोग मिलेगा. इस पहल की निगरानी खुद राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से की जाएगी.

इस स्कूल में पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों को खास तौर पर शामिल किया जाएगा. कोर्स में ड्रोन कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), आधारित ड्रोन सॉफ्टवेयर, ड्रोन असेंबली, रिपेयरिंग और मेंटेनेंस, फ्लाइट सिम्युलेटर ट्रेनिंग, स्वायत्त ड्रोन संचालन और सर्वे, मैपिंग और कृषि में ड्रोन का उपयोग शामिल रहेगा.

इस स्कूल में पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों को खास तौर पर शामिल किया जाएगा. कोर्स में ड्रोन कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), आधारित ड्रोन सॉफ्टवेयर, ड्रोन असेंबली, रिपेयरिंग और मेंटेनेंस, फ्लाइट सिम्युलेटर ट्रेनिंग, स्वायत्त ड्रोन संचालन और सर्वे, मैपिंग और कृषि में ड्रोन का उपयोग शामिल रहेगा.

स्टूडेंट्स को न केवल क्लासरूम में सिखाया जाएगा, बल्कि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इतना ही नहीं, सेंटर में ड्रोन के सॉफ्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक हर पहलू पर फोकस किया जाएगा.

स्टूडेंट्स को न केवल क्लासरूम में सिखाया जाएगा, बल्कि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इतना ही नहीं, सेंटर में ड्रोन के सॉफ्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक हर पहलू पर फोकस किया जाएगा.

रिपोर्ट्स की मानें तो यह स्कूल समाज कल्याण के लिए भी अहम साबित होगा. ड्रोन टेक्नोलॉजी को कृषि, स्वास्थ्य, डिजास्टर मैनेजमेंट और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उपयोगी बनाने के लिए भी खास ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार का मकसद है कि मध्यप्रदेश देश में ड्रोन निर्माण और संचालन में अग्रणी राज्य बने.

रिपोर्ट्स की मानें तो यह स्कूल समाज कल्याण के लिए भी अहम साबित होगा. ड्रोन टेक्नोलॉजी को कृषि, स्वास्थ्य, डिजास्टर मैनेजमेंट और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उपयोगी बनाने के लिए भी खास ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार का मकसद है कि मध्यप्रदेश देश में ड्रोन निर्माण और संचालन में अग्रणी राज्य बने.

ये महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इसी वर्ष से शुरू होने जा रहा है. 2025 के अंत तक यह स्कूल पूरी तरह संचालित हो जाएगा.

ये महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इसी वर्ष से शुरू होने जा रहा है. 2025 के अंत तक यह स्कूल पूरी तरह संचालित हो जाएगा.

Published at : 18 Mar 2025 05:19 PM (IST)

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कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb