Posted in

हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा प्रभावी रहा: भाजपा ने 2 नए निगमों में मेयर पद हासिल किया, कांग्रेस की स्थिति खराब हुई, दोनों पक्षों की हार-जीत के 4-4 कारण।

हरियाणा में 8 नगर निगमों के चुनाव परिणाम आना शुरू हो गए हैं, साथ ही 2 … हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा प्रभावी रहा: भाजपा ने 2 नए निगमों में मेयर पद हासिल किया, कांग्रेस की स्थिति खराब हुई, दोनों पक्षों की हार-जीत के 4-4 कारण।Read more

हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा चल गया:भाजपा ने 2 नए निगम में मेयर कुर्सी जीती, कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ, दोनों के हार-जीत की 4-4 वजहें

हरियाणा में 8 नगर निगमों के चुनाव परिणाम आना शुरू हो गए हैं, साथ ही 2 में उपचुनाव के नतीजे भी सामने आए हैं। इनमें से 4 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद और सोनीपत में भाजपा ने जीत हासिल की है। इसके अलावा, 5 अन्य निगमों में पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में मेयर की कुर्सी भी जीत ली है, जबकि पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। विधानसभा चुनाव के 5 महीने बाद हुए इन नगर निगम चुनावों में भाजपा का ट्रिपल इंजन सरकार का नारा सफल रहा। अब केंद्र और राज्य के साथ-साथ शहरों में भी भाजपा की स्थानीय सरकार बन गई है।

वहीं, मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव ने चुनाव जीत लिया है। कांग्रेस का निगम चुनाव में पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया है। कांग्रेस न केवल हर जगह से हार गई, बल्कि पिछली बार जीती सोनीपत की मेयर की सीट भी गंवा बैठी है। भाजपा के चुनाव जीतने और कांग्रेस की हार के पीछे कई कारण रहे हैं।

Also Read: अभिनेत्री रान्या ने यूट्यूब के जरिए सोने को छिपाने की कला सीखी: इंटेलिजेंस को बताया- एयरपोर्ट से बैंडेज और कैंची खरीदी, टॉयलेट में जाकर अपने शरीर पर सोना चिपकाया।

### भाजपा के चुनाव जीतने की 4 प्रमुख वजहें

1. **प्रदेश में सरकार होने का लाभ**
भाजपा ने चुनाव प्रचार में प्रदेश में हाल ही में बनी सरकार का फायदा उठाया। पार्टी के नेताओं से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ट्रिपल इंजन का नारा दिया। प्रचार में यह बताया गया कि अगर केंद्र और प्रदेश में भाजपा है, तो शहर में भी भाजपा की जीत से विकास में तेजी आएगी।

2. **बूथ तक 5 लेवल का मैनेजमेंट**
भाजपा ने इस चुनाव को हलके में नहीं लिया। पार्टी ने बूथ लेवल पर प्रबंधन किया, जिसमें संगठन की टीम हर घर पर 3 से 4 बार पहुंची। वार्ड लेवल पर छोटी-छोटी टीमें बनाई गईं, जो लोगों से मिलकर पार्टी के बारे में बात कर रही थीं।

3. **मुख्यमंत्री और सभी बड़े नेताओं का प्रचार**
भाजपा ने सभी बड़े चेहरों को चुनाव प्रचार में उतारा। मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ सभी विधायकों और मंत्रियों ने प्रचार में भाग लिया। इससे लोगों को विश्वास हुआ कि भाजपा शहरों के विकास के प्रति गंभीर है।

4. **बागियों से किनारा किया**
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बगावत करने वालों को वापस नहीं लिया, जिससे पार्टी के भीतर कोई बगावत नहीं हुई। इस कड़े रवैये के कारण पार्टी का संगठन मजबूत रहा।

### कांग्रेस की हार की 4 प्रमुख वजहें

1. **संगठन की कमी**
कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी संगठन की कमी खली। प्रदेश में 11 साल से पार्टी का कोई संगठन नहीं था, जिससे ग्राउंड पर कार्यकर्ताओं का एकजुट होना मुश्किल था।

2. **प्रभारी में बदलाव और गुटबाजी**
निकाय चुनाव की घोषणा के समय पार्टी को सीनियर नेताओं को एकजुट करने की आवश्यकता थी, लेकिन प्रभारी दीपक बाबरिया को हटा दिया गया। इससे पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई और प्रचार की रणनीति बनाने में कठिनाई हुई।

3. **चुनाव प्रचार में लापरवाही**
कांग्रेस चुनाव प्रचार में लापरवाह नजर आई। अधिकांश बड़े नेता चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुए, जिससे जनता में यह संदेश गया कि कांग्रेस इस चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है।

4. **नेताओं का पार्टी छोड़ना**
कई बड़े नेता चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ते रहे, और कांग्रेस ने उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की। इससे कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा और कई नेता भाजपा में शामिल हो गए।

इन सभी कारणों से कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर हुई और इसका असर चुनाव परिणामों पर स्पष्ट रूप से दिखा।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb