Posted in

नेपाल: पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सभा में योगी के बैनर, केपी ओली के समर्थकों ने कहा- यह भारत की चाल है

नेपाल में सीएम योगी का पोस्टर: नेपाल की राजधानी काठमांडू में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के … नेपाल: पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सभा में योगी के बैनर, केपी ओली के समर्थकों ने कहा- यह भारत की चाल हैRead more

UP cm yogi adityanath poster in Former Nepal King Gyanendra Shah rally KP Sharma Oli says India conspiracy नेपाल: पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की रैली में दिखे योगी के पोस्टर, घबराए केपी ओली समर्थक बोले- ये भारत की साजिश

नेपाल में सीएम योगी का पोस्टर: नेपाल की राजधानी काठमांडू में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत के लिए आयोजित एक राजशाही समर्थक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया, जिसके चलते एक राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। रैली का मुख्य उद्देश्य नेपाल में राजशाही की पुनर्स्थापना के लिए समर्थन दिखाना था। हवाई अड्डे के बाहर, सड़क के दोनों ओर ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज के साथ मोटरसाइकिलों पर सवार सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ आदित्यनाथ की तस्वीर भी प्रदर्शित की।

ओली के समर्थकों का आरोप – भारत की साजिश:

Also Read: क्या भारतीय वायु सेना की शक्ति में कमी आएगी? विमानों की कमी से होगी लड़ाई में कठिनाई, 10 साल बाद भारत और पाकिस्तान की ताकत का क्या होगा हाल, जानें रिपोर्ट में।

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पोस्टर ने एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। योगी को नेपाल के राजघराने का करीबी माना जाता है। इस समय केपी ओली की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कमजोर स्थिति में है, और ज्ञानेंद्र शाह की इस रैली को उनकी सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। सीएम योगी के पोस्टर को लेकर ओली के समर्थकों का कहना है कि इसके पीछे भारत की साजिश है। वहीं, ज्ञानेंद्र के समर्थक दलों ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि आदित्यनाथ के पोस्टर जानबूझकर लगाए गए हैं और इसे ओली सरकार की साजिश बताया।

राजशाही समर्थकों की प्रतिक्रिया:

रैली के आयोजकों ने स्पष्ट किया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के पोस्टर का उपयोग करने के लिए न तो कोई आधिकारिक अनुमति थी और न ही उन्हें इसकी जानकारी थी। रैली में केवल राष्ट्रीय ध्वज और ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर का उपयोग करने का निर्देश दिया गया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मंत्री और राजशाही समर्थक दीपक ग्यावली ने कहा, “हम इतने कमजोर नहीं हैं कि हमें अपने जुलूस में किसी विदेशी नेता की तस्वीर का इस्तेमाल करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में मार्क्स, लेनिन, माओ आदि की तस्वीरें लगाने के बारे में क्या कहा जा सकता है?”

नेपाल के राजपरिवार और गोरखनाथ मठ के बीच का संबंध:

नेपाल के राजपरिवार और गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ के बीच गहरा संबंध है, क्योंकि माना जाता है कि शाह वंश को गुरु गोरखनाथ का आशीर्वाद प्राप्त था। वर्तमान में गोरखनाथ मठ के प्रमुख योगी आदित्यनाथ हैं। ज्ञानेंद्र शाह की रैली के मुख्य आयोजक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन ने बताया, “हमें आदित्यनाथ के पोस्टर के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन हम जानते हैं और सम्मान करते हैं कि राजा ज्ञानेंद्र का गोरखनाथ मठ के साथ गहरा संबंध है।”

ज्ञानेंद्र ने जनवरी में उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान कथित तौर पर आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। पूर्व राजा के समर्थक हाल के दिनों में काठमांडू और पोखरा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रैलियों का आयोजन कर रहे हैं और 2008 में जन आंदोलन के बाद समाप्त की गई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: अगस्ता वेस्टलैंड केस: आरोपी क्रिश्चियन मिशेल कर सकेगा पासपोर्ट के लिए आवेदन, कोर्ट ने जेल अधिकारियों को दिए महत्वपूर्ण निर्देश

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb