Meen Sankranti 2025: होली के दिन, 14 मार्च को, चंद्र ग्रहण के साथ सूर्य की राशि में भी परिवर्तन होगा। सूर्य बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। जैसे ही सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे, खरमास की शुरुआत हो जाएगी। खरमास को मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है।
खरमास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन पूजा, पाठ, सूर्य उपासना और मंत्र जाप जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इसका विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि मीन संक्रांति किस दिन आएगी और खरमास कब से कब तक रहेगा।
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मीन संक्रांति 2025 की तारीख
मीन संक्रांति 14 मार्च 2025 को होगी। इस दिन सूर्य शाम 6:59 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन संक्रांति के साथ ही खरमास का आरंभ होता है, जो 13 अप्रैल को समाप्त होगा, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे।
मीन संक्रांति का पुण्य काल – दोपहर 12:29 से शाम 6:27 बजे तक।
मीन संक्रांति का महा पुण्य काल – शाम 4:28 से शाम 6:27 बजे तक।
मीन संक्रांति पर क्या करना चाहिए
- इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध करने का विधान है। इस दिन किए गए स्नान और दान का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता।
- सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दें। जल में लाल चंदन, फूल और अक्षत मिलाएं और उसी स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा करें। ऊँ घृणि सूर्यआदित्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें और प्रणाम करें। अर्घ्य का पानी जमीन पर न गिरने दें, इसे किसी तांबे के बर्तन में अर्पित करें।
- हनुमान जी की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। गणपति जी को दूर्वा चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर श्री गणेशाय नमः का जाप करें।
- मीन संक्रांति पर लक्ष्मी जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए मां लक्ष्मी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः का 108 बार जाप करें। इससे बरकत में वृद्धि होती है।
क्यों नहीं होते शुभ काम?
जब सूर्य मीन राशि में आते हैं, तब सूर्य और गुरु दोनों ग्रह कमजोर हो जाते हैं। इस कारण खरमास में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होते। खरमास में सूर्य पूजा, मंत्र जप, दान-पुण्य और नदी में स्नान करने की परंपरा है।
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