चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी तिथि इस शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूरे देश में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में, बाबा महाकाल की पवित्र नगरी उज्जैन में नगर पूजा की परंपरा है। यहां शहर के 40 से अधिक देवी और भैरव मंदिरों में पूजा का आयोजन किया जाता है।
उज्जैन में, चौबीस खंभा माता मंदिर से मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा शुरू की जाएगी। इसके बाद, शहर के अन्य देवी और भैरव मंदिरों में भी पूजा की जाएगी। नगर पूजा का मार्ग लगभग 27 किलोमीटर लंबा होता है, जिस पर मदिरा की धार लगाई जाएगी। यह परंपरा सम्राट विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है और शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर सरकारी स्तर पर इसे आयोजित किया जाता है।
कलेक्टर देवी महामाया और महालया को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा का आरंभ करते हैं। इसके बाद, सरकारी अधिकारी और कोटवारों का दल ढोल-ढमाकों के साथ शहर के देवी और भैरव मंदिरों में पूजा के लिए निकलता है। पिछले कुछ वर्षों से चैत्र नवरात्र के दौरान श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा इस नगर पूजा को संपन्न कर रहा है।
इस बार भी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरीजी महाराज द्वारा नगर पूजा का आयोजन किया जाएगा। इस पूजा में निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर, चारधाम पीठाधीश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरि, महामंडलेश्वर भागवतानंद गिरि और महामंडलेश्वर रामकृष्णनंद महाराज भी शामिल होंगे।