मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत पर कई आक्रमण हुए, लेकिन राष्ट्र की चेतना की लौ सदैव जलती रही। इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए समय-समय पर सामाजिक आंदोलनों का सहारा लिया गया,
Published: Monday, 31 March 2025 at 05:52 pm | Modified: Monday, 31 March 2025 at 05:43 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का दौरा किया और संघ की विचारधारा की सराहना की। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले जो विचार संघ के रूप में अंकुरित हुआ था, वह आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है।
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत पर कई आक्रमण हुए, लेकिन राष्ट्र की चेतना की लौ सदैव जलती रही। इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए समय-समय पर सामाजिक आंदोलनों का सहारा लिया गया, जिनमें भक्ति आंदोलन एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
मध्यकाल में संतों ने भक्ति के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा दी और समाज को एकता के सूत्र में बांधा। इसी प्रकार, संघ आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है, जिसकी शाखाओं के रूप में लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। संघ भारतीय संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी उसका युवा वर्ग है। यह युवा आत्मविश्वास से भरपूर है, नवाचार कर रहा है और स्टार्टअप क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
भारत का युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है और देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत का नेतृत्व करेगा।
मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति का ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश आज पूरी दुनिया में गूंज रहा है। कोविड महामारी हो या म्यांमार में आया भूकंप, भारत ने हर परिस्थिति में विश्व बंधुत्व और सेवा की भावना को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश के नागरिकों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता बनी हुई है।
संघ के वरिष्ठ नेता शेषाद्रि चारी ने मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया और कहा कि संघ और भाजपा के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग संघ और भाजपा के बारे में अधिक नहीं जानते, वे ही मतभेद की बातें करते हैं। यह केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है।
चैत्र नवरात्रि और विक्रम संवत 2082 के आरंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर में संघ मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के स्मारक ‘स्मृति मंदिर’ में श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने संघ के माधव नेत्रालय के नए भवन की आधारशिला भी रखी।
संघ मुख्यालय में प्रधानमंत्री करीब चार घंटे तक रहे और इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित किया। अपने 34 मिनट के भाषण में मोदी ने संघ, भक्ति आंदोलन, भारत के युवाओं और राष्ट्रीय चेतना पर विचार रखे।
सभा में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज ने संघ के स्वयंसेवकों को देखा, परखा और फिर स्वीकार किया है। इसी कारण संघ लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने संघ के दर्शन को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक को आत्म-विकास पर एक घंटा और समाज के विकास पर 23 घंटे देने चाहिए। यही संघ का दृष्टिकोण है।
बतौर प्रधानमंत्री, यह मोदी का संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। इससे पहले वे 2013 में नागपुर आए थे।