Samsung: भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर यानी 5,150 करोड़ रुपये का टैक्स और जुर्माना चुकाने का नोटिस जारी किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने की-टेलीकॉम उपकरणों के इम्पोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीके अपनाए हैं। यह नोटिस किसी कंपनी को भेजा गया अब तक []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 04:36 pm | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 04:36 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: कारोबार
Samsung: भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर यानी 5,150 करोड़ रुपये का टैक्स और जुर्माना चुकाने का नोटिस जारी किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने की-टेलीकॉम उपकरणों के इम्पोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीके अपनाए हैं। यह नोटिस किसी कंपनी को भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा टैक्स डिमांड है।
यह टैक्स डिमांड सैमसंग के पिछले साल के 955 मिलियन डॉलर के नेट प्रॉफिट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सैमसंग, जो भारत के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है, इस नोटिस को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना सकती है। कंपनी अपने नेटवर्क डिवीजन के माध्यम से टेलीकॉम उपकरणों का इम्पोर्ट करती है।
इससे पहले, वर्ष 2023 में कंपनी को अपने मोबाइल टावरों में इस्तेमाल किए गए आवश्यक ट्रांसमिशन कंपोनेंट्स के इम्पोर्ट को 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत टैरिफ से बचाने के लिए गलत तरीके से क्लासीफाई करने पर नोटिस मिला था। इस मामले में सैमसंग ने टैक्स अथॉरिटी पर जांच रोकने का दबाव डाला था।
कंपनी ने स्पष्ट किया था कि कंपोनेंट पर टैरिफ नहीं लगाया जाना चाहिए। हालांकि, अधिकारियों को वर्षों से इसके क्लासीफिकेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था। हालांकि, रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 8 जनवरी को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने कंपनी के इस बयान पर असहमति जताई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीमा शुल्क आयुक्त सोनल बजाज ने एक आदेश में कहा है कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है और क्लीयरेंस के लिए कस्टम अथॉरिटी के सामने जानबूझकर गलत दस्तावेज पेश किए हैं।
सैमसंग को 4,460 करोड़ रुपये (520 मिलियन डॉलर) का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, जिसमें बकाया टैक्स और जुर्माना शामिल है। भारत में सैमसंग के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। इनमें नेटवर्क डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट सुंग बीम होंग, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डोंग वोन चू, फाइनेंस के जनरल मैनेजर शीतल जैन और सैमसंग में इनडायरेक्ट टैक्स के जनरल मैनेजर निखिल अग्रवाल शामिल हैं।
यह जांच 2021 में शुरू हुई, जब अधिकारियों ने मुंबई और दिल्ली में कंपनी के कार्यालयों की तलाशी ली थी। इस दौरान अधिकारियों ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डॉक्यूमेंट्स और ईमेल जब्त किए और पूछताछ शुरू की। इस जांच में पता चला कि 2018 से 2021 के बीच सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर यानी 6,711 करोड़ रुपये की वैल्यू के कंपोनेंट के इम्पोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है। सरकार का कहना है कि ये कंपोनेंट्स टावरों में लगते हैं और इन पर टैरिफ लगता है, जबकि कंपनी ने इस पर असहमति जताई है।
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