न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी व्यक्त किया कि यह बताते हुए खेद हो रहा है कि इस मामले का निर्णय देने वाले जज ने पूरी तरह से असंवेदनशीलता दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में इलाहाबाद []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 05:07 pm | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 05:07 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: क्रिकेट
न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी व्यक्त किया कि यह बताते हुए खेद हो रहा है कि इस मामले का निर्णय देने वाले जज ने पूरी तरह से असंवेदनशीलता दिखाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणियों पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने एक नाबालिग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्ष स्पर्श करना और पजामे का नाड़ा खोलना दुष्कर्म नहीं है।
इन टिप्पणियों के सार्वजनिक होने के बाद तीव्र प्रतिक्रियाएं आई थीं। महिला आयोग ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां हाई कोर्ट की टिप्पणियों को असंवेदनशील करार दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादास्पद आदेश पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की। बुधवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और हमें यह कहते हुए खेद हो रहा है कि निर्णय देने वाले जज की असंवेदनशीलता है।
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