दुर्ग-भिलाई पुलिस ने साइबर ठगी के एक मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने म्यूल बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की थी। जांच में 13 खातों से 3.74 करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि का पता चला है। सभी आरोपियों को अब जेल भेज दिया गया है। इन चारों []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 05:27 am | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 05:27 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
दुर्ग-भिलाई पुलिस ने साइबर ठगी के एक मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने म्यूल बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की थी। जांच में 13 खातों से 3.74 करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि का पता चला है। सभी आरोपियों को अब जेल भेज दिया गया है।
इन चारों आरोपियों ने म्यूल बैंक खाता धारकों के जरिए पैसे की अवैध लेनदेन की गतिविधियों में भाग लिया था। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद सभी के बैंक खातों में कुछ ही दिनों में 3.74 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा किया। यह कार्रवाई रेंज साइबर थाना दुर्ग की ओर से की गई, जिसमें बंधन बैंक की स्मृति नगर शाखा से संचालित खातों की जांच के आधार पर ठोस सबूत प्राप्त हुए।
जांच की शुरुआत 3 मार्च 2025 को रेंज साइबर थाना दुर्ग में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के साथ हुई। जांच के दौरान बंधन बैंक की स्मृति नगर शाखा के 13 म्यूल खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता चला। इन खातों में कुल 3,74,87,193 रुपये की ठगी की राशि और 50,01,767 रुपये की विवादित राशि पाई गई। पुलिस ने बैंक से जानकारी हासिल कर आरोपियों तक पहुंच बनाई।
पुलिस जांच में चार मुख्य आरोपी पाए गए हैं। इनमें अंशुल तिवारी, ललित कुमार चौहान, संजय कुमार शर्मा और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। अंशुल तिवारी के खाते में 21 जनवरी 2025 को 40,45,600 रुपये की फ्रॉड राशि आई थी। ललित चौहान के खाते में 28 और 29 अक्टूबर 2024 को 65,000 रुपये की ठगी की राशि जमा हुई थी। संजय शर्मा के खाते में 31 अगस्त 2024 को 45,000 रुपये की फ्रॉड राशि आई थी।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपने खातों को अन्य लोगों को बेचने की बात स्वीकार की। अंशुल ने बताया कि उसने अपने खाते से 16,17,477 रुपये एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर किए और 9,50,000 रुपये चेक से निकाले। संजय ने खुलासा किया कि उसने अपना खाता, एटीएम कार्ड और चेकबुक बंधन बैंक के एक कर्मचारी को सौंपा था, जिसने इसका संचालन किया। आरोपियों के पास खातों से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं पाए गए।
पुलिस ने आरोपियों से एक चेकबुक और एटीएम कार्ड जब्त किया है। सभी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई को दर्शाती है। म्यूल खातों के जरिए ठगी की राशि को इधर-उधर करने वाले गिरोह अब पुलिस के निशाने पर हैं। जांच में अन्य संदिग्धों और बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच जारी है।