सम्मेलन में मुख्यमंत्री साय ने राज्य में निवेश के लिए आमंत्रण देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश और उद्योगों के लिए देश के सबसे उभरते राज्यों में से एक है। यहां के समृद्ध खनिज संसाधन, मध्य भारत की बेहतरीन लोकेशन और कनेक्टिविटी के साथ-साथ बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। निवेशकों के []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 10:04 pm | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 10:04 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
बेंगलुरू, 26 मार्च 2025- देश की सिलिकॉन वैली के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरु की कई प्रमुख टेक कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने की इच्छा जताई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बेंगलुरु में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और बिजनेस लीडर्स के साथ बातचीत कर राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रीन फ्यूल जैसे क्षेत्रों में 3700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नैसकॉम, इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IESA) और द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TiE) बैंगलोर के साथ महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी से छत्तीसगढ़ सुशासन के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अब निवेश के लिए कागजी प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है और एक क्लिक में एनओसी मिल जाएगी। नई औद्योगिक नीति के तहत निवेश प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि नई उद्योग नीति में 1 हजार करोड़ रुपये या एक हजार लोगों को रोजगार देने वाले उद्योगों को बी-स्पोक नीति का लाभ दिया गया है। इस नीति के तहत 30 से 50 प्रतिशत तक और 200 से 450 करोड़ रुपये तक स्थायी पूंजी निवेश की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। 5 से 12 वर्ष तक नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, रोजगार एवं ईपीएफ प्रतिपूर्ति और प्रशिक्षण व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए आकर्षक प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स, फार्मा, टेक्सटाइल, फूड और एग्रो प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में भी विशेष रियायतें दी गई हैं। हम नवा रायपुर में फार्मास्यूटिकल पार्क स्थापित कर रहे हैं, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल पार्क होगा।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि रायपुर को हम मध्य भारत का सबसे बड़ा आईटी हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यहां 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है, जिससे यहां की अधोसंरचना देश के सबसे बेहतरीन शहरों के समान है। नवा रायपुर एक ग्रीनफील्ड शहर है, जिससे आईटी उद्योग के विकास के लिए यहां कई संभावनाएं हैं।
इस मीट में उद्योग विभाग के मंत्री लखन लाल देवांगन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सचिव श्री राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर सुश्री ऋतु सैन, सचिव एस भारतीदासन, उद्योग और वाणिज्य विभाग के सचिव सौरभ कुमार, संचालक श्री प्रभात मलिक और सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर और सरगुजा को हमने औद्योगिक निवेश के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में रखा है। यहां कोर सेक्टर प्रोत्साहन, आयरन और कोल रायल्टी में 50 से 100 प्रतिशत तक छूट है। सेस की प्रतिपूर्ति 150 प्रतिशत तक किए जाने का प्रावधान है। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास ग्राम नियानार में 118 एकड़ में नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है, जिससे यहां बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों को स्थापित करने के अवसर मिलेंगे।
सम्मेलन में बीईएमएल, क्लेन पैक्स, कीन्स टेक्नोलॉजी, नैसकॉम, गोकुलदास एक्सपोर्ट्स, ब्रिटानिया, टाई बैंगलोर और कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स जैसी प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया। इन कंपनियों ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, अनुकूल नीतिगत माहौल और मजबूत बुनियादी ढांचे की सराहना की।