सूत्रों की जानकारी के अनुसार, चावल घोटाले में संचालनालय के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका भी उजागर होने की संभावना है। जांच के लिए बनाई गई समिति की अब तक 7 बैठकें हो चुकी हैं। पहली बैठक 12 अगस्त 2024 को आयोजित हुई थी, इसके बाद चार, पांच, 30 सितंबर, 19 नवंबर और 11 दिसंबर 2024 []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 07:59 pm | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 07:59 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
सूत्रों की जानकारी के अनुसार, चावल घोटाले में संचालनालय के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका भी उजागर होने की संभावना है। जांच के लिए बनाई गई समिति की अब तक 7 बैठकें हो चुकी हैं। पहली बैठक 12 अगस्त 2024 को आयोजित हुई थी, इसके बाद चार, पांच, 30 सितंबर, 19 नवंबर और 11 दिसंबर 2024 को बैठकें हुई हैं।
प्रदेश में 219 करोड़ रुपए से अधिक के चावल घोटाले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। विधानसभा की जांच समिति अब खाद्य विभाग के अधिकारियों से पूछताछ करने की योजना बना रही है। पिछले बजट सत्र में चावल घोटाले की जांच के लिए गठित समिति की बैठक 18 मार्च को हुई थी।
यह समिति की सातवीं बैठक थी। जांच के दौरान, संचालनालय के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका भी सामने आ सकती है।
पिछले बजट सत्र में चावल घोटाले की जांच के लिए विधानसभा में एक समिति बनाई गई थी जिसमें पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले, दो पूर्व मंत्री राजेश मूणत और विक्रम उसेंडी, और कांग्रेस के लखेश्वर बघेल एवं संगीता सिंह शामिल हैं।
इस समिति के सचिव विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा हैं। आगे की पूछताछ में खाद्य अधिकारियों, निरीक्षकों के साथ-साथ नान के मैनेजरों, परिवहनकर्ताओं और राशन दुकानदारों को भी बुलाया जाएगा।
बैठक में राशन दुकानों के घोषणा पत्र को गायब करने, नियमों के खिलाफ बाजार से चावल खरीदने और आरआरसी वसूली के मुद्दे पर चर्चा हुई।
पुन्नूलाल मोहले, पूर्व खाद्य मंत्री ने कहा कि चावल घोटाले की जांच के लिए बैठकें हो चुकी हैं। समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी संघ के अध्यक्ष की भी जांच की जाएगी जिसने कार्डधारकों की जगह दीवार की फोटो अपलोड कर एपीएल का चावल चुराया। खमतराई और सिविल लाइन में राशन दुकान के संचालकों ने लाखों का चावल बेच दिया है।