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ग्रहों की गति: चार प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन, हिंदू नववर्ष में सनातन और राष्ट्रवाद की भावना में वृद्धि होगी

साल 2025 में चार महत्वपूर्ण ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। इनमें शनि, गुरु, राहु और केतु शामिल हैं। ज्योतिषी पंडित गणेश शर्मा के अनुसार इन ग्रहों के स्थान परिवर्तन से देश और दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। भारत में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूती मिलेगी और देश की सेना अधिक शक्तिशाली []

Published: Sunday, 30 March 2025 at 05:12 am | Modified: Sunday, 30 March 2025 at 05:12 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: आस्था

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ग्रहों की गति: चार प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन, हिंदू नववर्ष में सनातन और राष्ट्रवाद की भावना में वृद्धि होगी

साल 2025 में चार महत्वपूर्ण ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। इनमें शनि, गुरु, राहु और केतु शामिल हैं। ज्योतिषी पंडित गणेश शर्मा के अनुसार इन ग्रहों के स्थान परिवर्तन से देश और दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। भारत में राष्ट्रवाद की भावना को मजबूती मिलेगी और देश की सेना अधिक शक्तिशाली बनेगी।

डिजिटल डेस्क, इंदौर। वर्ष 2025 में चार प्रमुख ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। सबसे पहले आज शनि का गोचर मीन राशि में हो रहा है। इसके बाद 14 मई को गुरु का गोचर मिथुन में और 18 मई को राहु और केतु का गोचर कुंभ और सिंह राशि में होगा। पंडित गणेश शर्मा के अनुसार इन बड़े ग्रहों के परिवर्तन से वैश्विक स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित होंगी।

30 मार्च से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होने जा रही है। इसका प्रभाव देश पर दिखाई देगा, भारत की कुंडली में मंगल का प्रभाव प्रमुख रहेगा। मंगल दूसरे घर में स्थित है और इस दौरान भारत की कुंडली के तीसरे भाव में पांच ग्रहों का गोचर होगा।

ज्योतिष के अनुसार 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तब देश और दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। मीन राशि और 12वां भाव गुरु का होता है। इस स्थिति से शनि लग्न, पंचम और अष्टम भावों को देखेंगे।

इस परिवर्तन के कारण देश के चरित्र, रिश्तों, संतान, शिक्षा, स्वास्थ्य और विदेशों से संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे भारत के भीतर आपसी सौहार्द, शांति और समृद्धि का संतुलन बिगड़ सकता है। इसके अलावा, अकाल, युद्ध, दंगे, विस्फोट, भूचाल, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी बनी रहेगी।

राहु का गोचर कुंभ राशि में कर्म भाव में होगा। इसके चलते भारत तकनीकी क्षेत्र में पहले से कहीं अधिक तेजी से उन्नति करेगा और अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण उपलब्धियों की संभावना है।

देश के सैन्य क्षेत्र में भी विस्तार देखने को मिलेगा और भविष्य में भारत की सेना बहुत अधिक शक्तिशाली हो जाएगी। लेकिन केतु के कारण घरेलू उद्योग में मंदी आ सकती है और किसी नई महामारी का खतरा भी बना रह सकता है।

शेयर बाजार में भी बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना है। शेयर बाजार में नुकसान हो सकता है। गुरु के प्रभाव से सोने के भाव में तेजी आ सकती है और यह 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।

केंद्र सरकार को कुछ राज्यों में विवाद और जन आंदोलनों के कारण पूरे वर्ष चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ देशों के साथ टकराव भी संभव है। इसके साथ ही सरकार देशहित में कुछ बड़े निर्णय भी ले सकती है।

देश में राष्ट्रवाद की भावना को भी बल मिलेगा। लोग अपने व्यक्तिगत हितों को छोड़कर एकजुट होकर देश के लिए कार्य करने की इच्छा रखेंगे। इस दौरान वे लोग भी सक्रिय होंगे जिनका उद्देश्य छद्म रूप से देश को तोड़ना है।

हालांकि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा कि कौन देश विरोधी है। मार्च तक शनिदेव दंड के रूप में कार्य करेंगे और उसके बाद बृहस्पति देश की आंतरिक स्थिति को संभालेंगे। बाद में उन लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी जिन्होंने देश के खिलाफ कार्य किया है।

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