गोंडवाना एक्सप्रेस में किन्नरों द्वारा एक युवक की पिटाई के कारण उसकी मृत्यु के मामले में रेलवे सुरक्षा बल ने दो उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही, पांच अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई है। []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 03:27 am | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 03:27 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
गोंडवाना एक्सप्रेस में किन्नरों द्वारा एक युवक की पिटाई के कारण उसकी मृत्यु के मामले में रेलवे सुरक्षा बल ने दो उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही, पांच अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई है। सुरक्षा आयुक्त ने अवैध रूप से ट्रेनों में घूमने वाले किन्नरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए विदिशा के लिए आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि किन्नरों की पिटाई के आरोप में दो उप निरीक्षकों को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी जांच की जा रही है।
युवक की पिटाई के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विदिशा जिले के गंजबासौदा थाने की पुलिस टीम दिल्ली गई है। ज्ञात हुआ है कि आरोपी किन्नर दिल्ली के नजदीक के क्षेत्र से संबंधित हैं। इनके खिलाफ युवक की हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
13 मार्च को भोपाल से विदिशा जाते समय गोंडवाना एक्सप्रेस में विदिशा के अयोध्या बस्ती निवासी आदर्श विश्वकर्मा को किन्नरों ने पीटा। उसे स्टेशन पर नहीं उतरने दिया गया और इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ। अगले दिन आदर्श का शव गंजबासौदा स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर पहले झाड़ियों में पाया गया, और यह माना जा रहा है कि उसे पीटने के बाद ट्रेन के नीचे फेंक दिया गया। हालांकि, रेलवे पुलिस ने अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त प्रशांत यादव ने बताया कि इस घटना में आरपीएफ की लापरवाही को देखते हुए दो उप निरीक्षकों को निलंबित किया गया है। उन्होंने सभी आरपीएफ थानों और चौकियों को अवैध रूप से ट्रेनों में आने वाले किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
यदि ट्रेनों में किन्नर अवैध रूप से पाए जाते हैं, तो जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। आम लोगों से भी अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे मामलों में आरपीएफ या स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित करें।
सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि उस दिन किसी भी यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल नहीं किया। युवक के जानने वाले कुछ लोग विदिशा स्टेशन पर उतरे, लेकिन वहां भी किसी ने आरपीएफ या जीआरपी को सूचना नहीं दी। यदि किसी ने जानकारी दी होती, तो तत्काल कार्रवाई हो सकती थी। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में तुरंत 139 पर फोन करें या रेल मदद एप के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं।