अक्सर जब आप प्यासे होते हैं तो घर से बाहर निकलने पर आपने कंचे वाली सोडा की बोतल पीने का अनुभव जरूर किया होगा। पेप्सी और कोक के बीच इस सोडा की मांग में कमी आई है, लेकिन इस पारंपरिक ब्रांड की विदेशों में काफी लोकप्रियता है। नींबू सोडा की खाड़ी देशों के साथ अमेरिका []
Published: Wednesday, 26 March 2025 at 03:33 pm | Modified: Wednesday, 26 March 2025 at 03:33 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: कारोबार
अक्सर जब आप प्यासे होते हैं तो घर से बाहर निकलने पर आपने कंचे वाली सोडा की बोतल पीने का अनुभव जरूर किया होगा। पेप्सी और कोक के बीच इस सोडा की मांग में कमी आई है, लेकिन इस पारंपरिक ब्रांड की विदेशों में काफी लोकप्रियता है। नींबू सोडा की खाड़ी देशों के साथ अमेरिका और ब्रिटेन में भी अच्छी खासी मांग देखी जा रही है। कॉमर्स मिनिस्ट्री की कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने बताया कि वैश्विक बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और अन्य खाड़ी देशों में इस नींबू सोडे का ट्रायल किया गया और यह सफल रहा।
फेयर एक्सपोर्ट इंडिया के साथ खाड़ी देशों में लुलू हाइपरमार्केट ने इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है। यह दर्शाता है कि वहां इसकी लोकप्रियता और मांग कितनी अधिक है। इसका मतलब यह है कि अब यह उत्पाद सड़क के ठेले से लेकर सुपरमार्केट तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में यह नींबू सोडा एक ट्रेंडी ड्रिंक के रूप में उभर रहा है। एपीडा ने 17 मार्च से 19 मार्च तक लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं पेय कार्यक्रम में इसे प्रदर्शित किया था। यह भारत के इस पारंपरिक प्रसंस्कृत खाद्य को वैश्विक स्तर पर दिखाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
यह ध्यान देने योग्य है कि कंचे वाली बोतल की पहले काफी मांग थी। लेकिन आधुनिक पेय जैसे पेप्सी और कोक के बीच इसकी मांग में कमी आई थी। अब वैश्विक स्तर पर इस कंचे वाली बोतल की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय उद्यमियों में उत्साह भर दिया है। जब भारत के इस पेय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है, तो निश्चित रूप से अन्य ब्रांडों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।