Posted in

अध्ययन- बिगड़ते मौसम के कारण भारत के नगरों में संकट: 95% शहरों को या तो बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है या सूखे की समस्या; विशेषज्ञों का कहना है- जल प्रबंधन में कमी मुख्य कारण है।

जलवायु परिवर्तन का खतरा अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है। ‘ग्लोबल वीर्डिंग’ के चलते … अध्ययन- बिगड़ते मौसम के कारण भारत के नगरों में संकट: 95% शहरों को या तो बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है या सूखे की समस्या; विशेषज्ञों का कहना है- जल प्रबंधन में कमी मुख्य कारण है।Read more

रिसर्च- बिगड़े मौसम से भारत के शहर खतरे में:95% शहरों में या तो बाढ़ या सूखा; एक्स्पर्ट्स बोले- वाटर मैनेजमेंट में कमी बड़ी वजह

जलवायु परिवर्तन का खतरा अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है। ‘ग्लोबल वीर्डिंग’ के चलते दुनिया के 95% प्रमुख शहरों में या तो अत्यधिक बारिश हो रही है या फिर लंबे समय तक सूखा पड़ रहा है। भारत के लखनऊ, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे प्रमुख शहर भी इस संकट से प्रभावित हैं। ब्रिस्टल और कार्डिफ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 112 प्रमुख शहरों पर एक अध्ययन किया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि तेजी से बदलते मौसम के कारण जलवायु संकट विकराल होता जा रहा है। जब रिकॉर्ड स्तर पर गर्मी, सर्दी, सूखा या बारिश होती है, तो इसे ‘ग्लोबल वीर्डिंग’ कहा जाता है।

भारत में बढ़ते खतरे की मुख्य वजह शहरीकरण और जल प्रबंधन प्रणाली में कमी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तेजी से बढ़ता शहरीकरण और पुराने ड्रेनेज सिस्टम की खराबी के कारण जलवायु संकट का प्रभाव दोगुना हो रहा है। विशेषज्ञ सोल ओयुएला ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो भारत के और शहर भी इस खतरे की चपेट में आ सकते हैं।

Also Read: वडोदरा में एक युवती को कार से टक्कर मारने का वीडियो: लॉ छात्रों में से एक आरोपी ने चिल्लाया- एक और बार, इस हादसे में एक बच्चे सहित 7 लोग घायल हुए।

एक शोध में यह सामने आया है कि पिछले दो दशकों में दुनिया के 24 शहरों का जलवायु पैटर्न पूरी तरह बदल गया है। जो शहर पहले सूखे थे, वहां अब बारिश बढ़ी है, जबकि जो शहर पहले बारिश के लिए जाने जाते थे, वे अब सूखे का सामना कर रहे हैं। डलास, जकार्ता, और मेलबर्न जैसे 17 शहरों में चरम परिस्थितियों का सामना किया जा रहा है। शोध के अनुसार, ‘डे जीरो’ के करीब कराची और साओ पाउलो सबसे अधिक जोखिम में हैं। इसके अतिरिक्त, नैरोबी, खार्तूम और जकार्ता भी पानी की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जलवायु परिवर्तन की गति को कम करना है, तो बड़े शहरों को अपने ड्रेनेज सिस्टम को सुधारना होगा और जल संरक्षण की नीतियों को अपनाना होगा। यदि अभी भी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो अगले कुछ दशकों में शहरों में रहना और भी कठिन हो जाएगा।

मौसम से संबंधित एक अन्य खबर के अनुसार, राजस्थान का बाड़मेर लगातार दूसरे दिन सामान्य से अधिक गर्म रहा है, जबकि दक्षिणी राज्यों में बारिश जारी है। मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में बुधवार का तापमान सामान्य से 4.6 डिग्री अधिक, यानी 33.5 डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान के कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा, जहां बाड़मेर का तापमान 41.2 डिग्री तक पहुंच गया। दूसरी ओर, तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में दो दिन से बारिश हो रही है, और केरल, लक्षद्वीप तथा तमिलनाडु के समुद्री तटों पर 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb