Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 का सियासी माहौल अभी से गरमाने लगा है। चुनावी रणनीतियां बननी शुरू हो चुकी हैं, और राजनीतिक दल अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हुए हैं। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में वर्तमान में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा, खासकर तब जब बीजेपी, जदयू और अन्य सहयोगी दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
क्या फिर से नीतीश कुमार ही होंगे मुख्यमंत्री? – Bihar Assembly Elections 2025:
एनडीए में वर्तमान में 138 विधायक हैं, जिनमें से 84 बीजेपी और 48 जदयू के हैं। अब सवाल उठता है कि अगर एनडीए चुनाव जीतता है, तो बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
भले ही चुनाव में अभी 8-9 महीने का समय है, लेकिन इस सवाल को लेकर पहले से ही चर्चाएं तेज हो गई हैं। खासकर जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के कार्यकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं बीजेपी चुनाव के बाद नया मुख्यमंत्री घोषित न कर दे।
मुख्यमंत्री पद को लेकर जेडीयू की बेचैनी क्यों?
इसका जवाब पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव 2024 में छिपा है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला था और उसे नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के समर्थन की जरूरत पड़ी थी। यही वजह है कि अब जेडीयू कार्यकर्ता यह स्पष्ट ऐलान चाहते हैं कि अगर एनडीए बिहार में जीतता है, तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
बीजेपी के हाल के राजनीतिक फैसले जेडीयू को चिंतित कर रहे हैं। महाराष्ट्र में, एनसीपी नेता एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री पद की मांग को ठुकराकर बीजेपी ने अपने नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया था। इस तरह के उदाहरणों के चलते जेडीयू को डर है कि बिहार में भी बीजेपी चुनावों के बाद कोई नया दांव खेल सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान, लेकिन अनिश्चितता बरकरार
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार को “बिहार के लाडले मुख्यमंत्री” कहकर संबोधित किया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे या नहीं। बीजेपी इस सवाल पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें और तेज हो रही हैं।
कैबिनेट विस्तार के बाद बढ़ी जेडीयू की चिंता
बिहार सरकार में हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद जेडीयू की बेचैनी और बढ़ गई है। यहां तक कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार भी यह मांग कर रहे हैं कि बीजेपी को चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए।
क्या बीजेपी चुनाव के बाद नया चेहरा लाएगी?
बीजेपी की रणनीति अब तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी चुनाव के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करना चाहती है। यह रणनीति बीजेपी को अधिक विकल्प देने के साथ-साथ भविष्य की राजनीति के लिए भी मजबूत स्थिति में ला सकती है।