उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड के हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराए गए गांवों के पुनर्वास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इन गांवों को फिर से बसाने और प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक अभियान चला रही है।
1962 युद्ध और खाली कराए गए गांवों का पुनर्वास
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “जब 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया था, तब उत्तरकाशी जिले के दो गांवों को खाली कराया गया था। समय के साथ यह इतिहास भुला दिया गया, लेकिन हम इसे भूल नहीं सकते। हमारी सरकार ने इन गांवों के पुनर्वास की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। हमारा उद्देश्य न केवल इन्हें फिर से बसाना है, बल्कि इन्हें एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना भी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सीमावर्ती गांवों को देश के अंतिम नहीं, बल्कि पहले गांवों के रूप में देखा जाना चाहिए। इस सोच के अनुरूप सरकार ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम के तहत इन गांवों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान
पीएम मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “पहले इन गांवों को देश के अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने इस सोच को बदल दिया है। अब इन्हें पहले गांवों के रूप में देखा जाता है, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, संस्कृति और पर्यटन का अभिन्न हिस्सा हैं।”
उन्होंने बताया कि सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के तहत उत्तराखंड के 10 सीमावर्ती गांवों को शामिल किया गया है, जिससे इन इलाकों में आधारभूत संरचना, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर विकसित किए जा रहे हैं।
केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे परियोजनाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड रोपवे परियोजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं और बेहतर होंगी।
उन्होंने कहा, “पहले जहां केदारनाथ यात्रा में 8 से 9 घंटे का समय लगता था, वहीं रोपवे के निर्माण के बाद यह सफर मात्र 30 मिनट में पूरा हो सकेगा। इससे बुजुर्गों और बच्चों को विशेष राहत मिलेगी और श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम होगी।”
इसके अलावा, उन्होंने चारधाम ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेसवे, रेलवे, विमान और हेलीकॉप्टर सेवाओं के विस्तार का भी जिक्र किया और इसे उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उत्तराखंड में ‘डबल इंजन सरकार’ का प्रभाव
पीएम मोदी ने ‘डबल इंजन सरकार’ (केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास) की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले एक दशक में उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे में तेज़ी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। पर्यटन, आधारभूत ढांचा और परिवहन के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।”