रिंकी को जानकारी नहीं थी कि प्रमाण-पत्र बनवाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब सीएमओ ऑफिस पहुंची तो आधे घंटे इधर उधर भटकाया गया। स्ट्रेचर या व्हीलचेयर न मिलने पर पति को पीठ पर लादकर घूमना पड़ा। किसी शख्स ने इसका वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, सोमवार का दिन रायबरेली में दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने के लिए निर्धारित किया गया है। उस दिन हरचंदपुर क्षेत्र देदोर की रहने वाली रिंकी अपने 35 वर्षीय दिव्यांग पति अंकित को लेकर सीएमओ ऑफिस पहुंची। वहां उसे मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक महिला अपने दिव्यांग पति का विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ के कार्यालय पहुंची। वहां उसे न स्ट्रेचर मिला और ना ही कोई व्हीलचेयर मिली। इस वजह से उसे अपने पति को पीठ पर लादकर दर-दर भटकना पड़ा।
रिंकी ने बताया कि पति अंकित कुछ नहीं करता है। दो बच्चियां हैं जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ती हैं। स्कूल प्रबंधक फीस नहीं लेता।
अंकित के भाई इनसे मतलब नहीं रखते हैं। सीएमओ ने बताया कि यहां सारी सुविधाएं मौजूद है। हो सकता है कि रिंकी को व्हीलचेयर दिखाई न दी हो।