इंदौर पुलिस ने बाग-टांडा के एक चोर गिरोह का खुलासा किया है, जिसमें कुल पांच सदस्य शामिल हैं। ये सदस्य शहर के बाहरी क्षेत्रों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। पुलिस ने इनसे लगभग 90 लाख रुपये के सोने के आभूषण बरामद किए हैं। गिरोह ने 12 से अधिक चोरियों में शामिल होने की बात स्वीकार की है। इसके साथ ही पुलिस ने सुनारों को भी हिरासत में लिया है।
इंदौर के बाहरी इलाकों में चोरी करने वाले इस गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने पकड़ लिया है। इनसे बरामद सोने के आभूषण की कुल कीमत 90 लाख रुपये से अधिक है। गिरोह ने 12 से ज्यादा चोरियों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
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इसके अलावा, पुलिस ने छोटे सराफा के उन सुनारों को भी हिरासत में लिया है, जो चोरों से सस्ते दाम पर आभूषण खरीदते थे। तेजाजी नगर के थाना प्रभारी आदित्य सिंघारिया ने न्यू रानीबाग क्षेत्र में हुई चोरी की घटना की जांच कर रहे थे।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बाग-टांडा के बदमाशों की पहचान की और शनिवार को कुख्यात अपराधी खड़कसिंह उर्फ खड़किया को गिरफ्तार किया। उसने गिरोह के चार अन्य सदस्यों के नाम बताए और पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया। इन आरोपियों ने तेजाजी नगर, राऊ, राजेंद्र नगर, द्वारकापुरी, एरोड्रम क्षेत्र सहित लगभग 12 स्थानों पर चोरी करने की बात स्वीकार की।
पुलिस ने खड़किया के बयान के आधार पर मनावर के चेतन को हिरासत में लिया, जो चोरों से आभूषण खरीदता था। चेतन ने छोटे सराफा के ज्ञानेंद्र कटारिया, गजेंद्र सोनी, बंटी सोनी और विकास सोनी का नाम लिया। सभी सुनारों को पुलिस ने हिरासत में लिया और रविवार को करीब एक किलो सोना बरामद किया। फिलहाल पुलिस इन सुनारों से पूछताछ कर रही है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दूसरी ओर, लसूड़िया और कनाड़िया पुलिस दो चोर गिरोह की खोज में जुटी है। लसूड़िया थाना क्षेत्र के महालक्ष्मी नगर में फाइनेंसर शिवांशु वर्मा के घर से 35 लाख रुपये का सोना और नकदी चोरी हुआ था। चोर सफेद रंग की कार में आए थे। उनकी अंतिम लोकेशन मूसाखेड़ी में देखी गई है। वहीं, कनाड़िया थाना क्षेत्र में संपत फार्म में शराब कारोबारी रिंकू भाटिया के बंगले में हुई चोरी के आरोपियों के स्कीम-140 तक फुटेज मिल चुके हैं।
पुलिस ने फरियादियों को थाने बुलाकर चोरों की पहचान करवाई और उनसे बरामद आभूषण भी दिखाए। तेजाजी नगर क्षेत्र के एक शिक्षक आभूषण देखते ही रोने लगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए ये आभूषण खरीदे थे, जो शादी के ठीक पहले चोरी हो गए थे।
पुलिस ने सुनारों को भी आमने-सामने किया। सराफा के सुनारों ने कहा कि उन्होंने चेतन (मनावर) से सोना खरीदा था। वह सोना गलाकर लाता था और उन पर भरोसा करना उनकी भूल थी।