इंदौर के गोविंद नगर में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। धर्मेंद्र नामदेव नामक व्यक्ति की मौत हो गई, जब वह अपने दामाद और रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए बाणगंगा थाने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की और उन्हें झाड़ू लगाने के लिए मजबूर किया।

मुख्य बातें
- पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और मानवाधिकार हनन का आरोप।
- धर्मेंद्र की बेटी के ससुरालवालों ने घर पर आकर की थी पिता से मारपीट।
- इसी मामले की शिकायत लेकर बाणगंगा थाने पहुंचे थे धर्मेंद्र।
Newsstate24 प्रतिनिधि, इंदौर। गोविंद नगर (खारचा) के निवासी धर्मेंद्र नामदेव को बाणगंगा थाने में अचानक दिल का दौरा पड़ा। वह अपने दामाद हरिगोविंद और उसके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ अदमचेक लिखा और धर्मेंद्र को थाने में रोक लिया। वहाँ, उनसे झाड़ू लगाने के लिए कहा गया। उनके परिजनों का कहना है कि यह सब उनकी हत्या की योजना का हिस्सा था।
धर्मेंद्र, जो 40 वर्ष के थे और एक कारखाने में काम करते थे, रविवार की सुबह अपने दामाद हरिगोविंद और अन्य रिश्तेदारों द्वारा पिटाई के बाद थाने पहुंचे थे। लेकिन अफसोस की बात है कि वहां पर पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की।
झाड़ू लगवाने की घटना
कुछ समय बाद, दूसरे पक्ष के लोग भी थाने पहुंचे और धर्मेंद्र की शिकायत की। पुलिस ने दोनों पक्षों पर अदमचेक लिखने के बाद धर्मेंद्र को थाने में ही रोक लिया और उनसे झाड़ू लगाने का दबाव डाला। अचानक, उनके सीने में तेज दर्द होने लगा।
डॉक्टर ने तुरंत पहचान लिया हार्ट अटैक
पुलिस ने धर्मेंद्र को अस्पताल भेजने में देरी की। वह खुद ऑटो रिक्शा से अपने घर गए और फिर पत्नी रानी और बेटियों भूमिका और प्रियंका के साथ नंदानगर अस्पताल पहुंचे। वहाँ डॉक्टर ने तुरंत पहचान लिया कि धर्मेंद्र को हार्ट अटैक आया है। कुछ समय बाद, उनकी मौत हो गई।
इस घटना से समाज में गुस्सा फैल गया। कांग्रेस नेत्री रीटा डागरे के साथ स्थानीय लोगों ने बाणगंगा थाने के सामने प्रदर्शन किया, और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के आवास के सामने धर्मेंद्र के शव को रखकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रानी ने साफ तौर पर कहा कि उनके पति की हत्या की गई है।