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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में शुरू होगा चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम

नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में आयोजित विद्वत परिषद की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. मदन मोहन झा ने बताया कि NEP पाठ्यक्रम निर्धारण …

नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (CSU) ने अपने परिसरों में चार वर्षीय शास्त्री (स्नातक) और एक वर्षीय आचार्य (स्नातकोत्तर) पाठ्यक्रम की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह पाठ्यक्रम सत्र 2025-26 से लागू किया जाएगा।

शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव

इस नई शिक्षा प्रणाली में शास्त्री पाठ्यक्रम को सेमेस्टर प्रणाली में विभाजित किया गया है:

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  • दो सेमेस्टर पूरे करने पर – सर्टिफिकेट
  • चार सेमेस्टर पूरे करने पर – डिप्लोमा
  • छह सेमेस्टर पूरे करने पर – शास्त्री (स्नातक) की डिग्री
  • आठ सेमेस्टर पूरे करने पर – शास्त्री (शोध प्रतिष्ठा) की उपाधि
  • दस सेमेस्टर पूरे करने पर – सीधे आचार्य (स्नातकोत्तर) की डिग्री

इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को शोध कार्य के लिए भी योग्य माना जाएगा।

शिक्षा प्रणाली और मूल्यांकन प्रक्रिया

  • प्रत्येक सेमेस्टर में विषयों को 100 अंकों में विभाजित किया जाएगा।
  • इसमें 60 अंक की लिखित परीक्षा और 40 अंक का सतत मूल्यांकन शामिल होगा।

पाठ्यक्रम की विशेषताएं

चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम में पारंपरिक और आधुनिक विषयों का संतुलन रखा गया है:
मेजर-माइनर विषय:

  • वेद, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, दर्शन
  • बौद्ध दर्शन, कश्मीर शैव दर्शन, धर्मशास्त्र
  • अद्वैत वेदांत, पुराण इतिहास, पालि-प्राकृत

आधुनिक विषय:

  • राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी, हिंदी
  • संगणक (कंप्यूटर साइंस)

कौशल विकास कोर्स:

  • रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास से जुड़े विषयों को भी जोड़ा गया है।

विद्वत परिषद का निर्णय

नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में आयोजित विद्वत परिषद की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. मदन मोहन झा ने बताया कि NEP पाठ्यक्रम निर्धारण समिति की रिपोर्ट और सुझावों को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, आदर्श महाविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में लागू कर दिया गया है।

इसके अलावा, कुलसचिव प्रो. आर. जी. मुरली कृष्ण ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय आयुर्वेद आदर्श अनुसंधान केंद्र की भी स्थापना करेगा, जिससे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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