राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में इस मामले की लिखित शिकायत भी की गई है। पहले कुछ लोगों ने कलेक्टर और सीएमएचओ को मामले की शिकायत की थी, जिस पर जांच चल रही है। लेकिन अब जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस पर ध्यान दिया है, तो मामला और बढ़ गया है।

HighLights
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत के बाद जांच के निर्देश जारी हुए हैं
- इस मामले में आयुष्मान योजना से जुड़े फर्जीवाड़े का भी खुलासा हो रहा है
- अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है
Newsstate24 संवाददाता, दमोह। नगर में मिशनरी संस्था द्वारा चलाए जा रहे मिशन अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं। दमोह के निवासी दीपक तिवारी का कहना है कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच इलाज के दौरान करीब सात मरीजों की मौत गलत इलाज के कारण हुई है। उनका कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। शिकायत के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने मामले की जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग में एक फर्जी चिकित्सक ने मरीजों का इलाज किया और इस दौरान कई की मौत भी हुई। इसी मामले में आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े का भी खुलासा हो रहा है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
यह है पूरा मामला
- शिकायतकर्ता दीपक तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया है कि जनवरी 2025 से फरवरी 2025 के बीच मिशन अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग में कई लोगों की मृत्यु हुई है, जो कि वहाँ के अनधिकृत डॉक्टर द्वारा इलाज के कारण हुई।
- मिशन अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग में पिछले डेढ़ माह से डॉ एनजोन केम द्वारा इलाज किया गया था। आरोप है कि डॉ एनजोन केम जो कार्डियोलाजिस्ट बनकर वहाँ कार्य कर रहे थे।
- उनका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है और वे फर्जी नाम से अस्पताल में कार्यरत थे। उनके गलत इलाज के कारण मरीजों की मौत हुई।
- इससे पहले भी इस डॉक्टर के विवादों में रहने की बातें सामने आ चुकी हैं।
प्रबंधन पर भी उठे सवाल
- मिशन अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं।
- कहा गया है कि अस्पताल में जिन मरीजों की मृत्यु हुई, उसकी सूचना संबंधित थाने या अस्पताल चौकी को नहीं दी गई।
- इसके अलावा, मृतक के परिजनों से मोटी फीस वसूल कर बिना पोस्टमार्टम शव सौंपे गए।
- प्रबंधन के संजीव लेम्बर्ड, विजय लेम्बर्ड और दिलीप खरे पर भी आरोप हैं।
विदेश से प्रशिक्षित होने का दावा
डॉ एन जान केम ने खुद को विदेश से प्रशिक्षित बताया था, लेकिन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ एन जान केम का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है और उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जान केम का नाम गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। बताया जा रहा है कि यह जान केम सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से हैं।
आयुष्मान योजना से मरीजों की संख्या में वृद्धि
मिशन अस्पताल प्रबंधन ने हाल ही में कार्डियोलाजी विभाग को सरकारी योजना से जोड़ा था। इसके कारण कई लोग इस सुविधा के लिए अस्पताल में इलाज कराने आए थे और आयुष्मान योजना से भी राशि ली गई। इसके अलावा, योजना के सही क्रियान्वयन में भी आरोप लगाए गए हैं।
आयोग ने इन बिंदुओं पर लिया संज्ञान
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उन्हें दमोह के मिशन अस्पताल में नकली डॉक्टर के इलाज से मरीजों की मौत की शिकायत मिली है। इसके साथ ही आयुष्मान योजना की राशि के गलत तरीके से लिए जाने की भी शिकायत है। मामला गंभीर होने के कारण जांच के आदेश दिए गए हैं।
इनका कहना है
हमें मामले में शिकायत मिली है जिसे जांचा जा रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुधीर कोचर, कलेक्टर दमोह
इस गंभीर अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिलने के बाद हमने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखित शिकायत दी है। जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
दीपक तिवारी, शिकायतकर्ता