गोल चौराहा की एक महिला ने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के सपने में ठगों को 30 लाख रुपये दिए। ठगों ने नागपुर मेडिकल कॉलेज का एक नकली एडमिशन लेटर प्रदान किया, जो बाद में फर्जी साबित हुआ। पुलिस ने तीन महीने के भीतर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य दो अभी भी फरार हैं।
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HighLights
- ठगों ने एक नकली एडमिशन लेटर दिया था।
- पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
- आरोपी से 6.90 लाख रुपये जब्त किए गए हैं।
Newsstate24 प्रतिनिधि, मंदसौर। गोल चौराहा की एक महिला ने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की चाह में नागपुर और कोलकाता के तीन ठगों को 30 लाख रुपये दिए। ठगों ने नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज का एडमिशन लेटर भी प्रदान किया।
जब महिला अपने बेटे को भर्ती कराने नागपुर गई, तो कॉलेज ने उसे बताया कि लेटर फर्जी है। इसके बाद महिला ने मंदसौर जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तीन महीने की मेहनत के बाद नागपुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 6.90 लाख रुपये बरामद हुए। कोलकाता के दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
आरोपी को 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया
- कोतवाली टीआई पुष्पेंद्रसिंह राठौर ने बताया कि 31 जनवरी को 50 वर्षीय भारती भावसार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके बेटे हार्दिक का नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी की गई है। इसके बाद शहर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
- कोतवाली की टीम में उपनिरीक्षक संदीप मौर्य, उपनिरीक्षक शैलेंद्र कनेश, प्रधान आरक्षक कमलेश भदौरिया और आरक्षक जितेंद्र नागदा शामिल थे, जिन्हें नागपुर भेजा गया।
- नागपुर में साइबर सेल से मिली तकनीकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने सुजीत उर्फ सुरजीत सिंह, निवासी मनीष नगर नागपुर (महाराष्ट्र) को गिरफ्तार किया और उसे 6 मार्च को न्यायालय में पेश कर 14 दिन का पुलिस रिमांड प्राप्त किया।
- पुलिस टीम आरोपी को लेकर अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए कोलकाता गई, लेकिन अन्य आरोपी हाथ नहीं आए। सबूत इकट्ठा करने के बाद पुलिस टीम वापस आ गई और फिर नागपुर में मामले की जांच के लिए रवाना हुई।