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ग्लूकोमा: एक ‘चुप्पा चोर’ जो आपकी दृष्टि को छीन सकता है, सावधानी बरतें समय पर।

देशभर में ‘विश्व ग्लूकोमा दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं … ग्लूकोमा: एक ‘चुप्पा चोर’ जो आपकी दृष्टि को छीन सकता है, सावधानी बरतें समय पर।Read more

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देशभर में ‘विश्व ग्लूकोमा दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक ऐसा नेत्र रोग है जो धीरे-धीरे आंखों की रोशनी को छीन सकता है? चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, इस बीमारी को ‘साइलेंट थीफ ऑफ विजन’ यानी ‘रोशनी का खामोश चोर’ कहा जाता है। इसके लक्षण बहुत ही धीरे-धीरे विकसित होते हैं और जब तक मरीज को इसका पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

95% लोग ग्लूकोमा से अनभिज्ञ, जागरूकता की आवश्यकता

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि लगभग 95% लोग ग्लूकोमा के बारे में जागरूक नहीं होते। उन्हें इस बीमारी का पता तब चलता है जब उनकी आंखों की रोशनी में कमी आनी शुरू हो जाती है। ग्लूकोमा एक ऐसा रोग है, जिसका समय पर इलाज न मिलने पर यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकता है।

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ग्लूकोमा स्क्रीनिंग के लिए 21 आई केयर केंद्र स्थापित

ग्लूकोमा के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली और उसके आसपास 21 प्रमुख आई केयर केंद्र स्थापित किए गए हैं। यहां AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित तकनीक का उपयोग करके लोगों की आंखों की स्क्रीनिंग की जा रही है। यह आधुनिक तकनीक ग्लूकोमा का जल्दी पता लगाने में मदद कर रही है, जिससे लोग समय पर इलाज करा सकते हैं।

एक बार गई रोशनी वापस नहीं आती

एम्स (AIIMS) के विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लूकोमा के कारण एक बार खोई हुई दृष्टि को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। सफेद मोतिया (कैटरेक्ट) की स्थिति में सर्जरी से दृष्टिहीनता ठीक की जा सकती है, लेकिन ग्लूकोमा में आंख की नसों को हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं है। इसलिए, डॉक्टर 40 वर्ष की उम्र के बाद नियमित नेत्र परीक्षण कराने की सलाह देते हैं, विशेषकर उन लोगों को जिनके परिवार में ग्लूकोमा का इतिहास है।

ग्लूकोमा से बचाव के उपाय

एम्स के विशेषज्ञों के अनुसार, ग्लूकोमा से बचने के लिए नियमित नेत्र परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव भी इसे रोकने में मदद कर सकते हैं:

  • योग और प्राणायाम: विशेष रूप से अनुलोम-विलोम जैसे योगासन नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और आंखों की सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
  • धूम्रपान से बचें: धूम्रपान आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे ग्लूकोमा का जोखिम बढ़ सकता है।
  • संतुलित आहार लें: हरी सब्जियां, गाजर, नट्स और विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ आंखों की सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
  • तनाव कम करें: मानसिक तनाव भी आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, इसलिए ध्यान और मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

समय पर जांच कराएं, अपनी रोशनी बचाएं

ग्लूकोमा एक अपरिवर्तनीय (Irreversible) बीमारी है, लेकिन यदि इसे समय पर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव है। इसलिए, यदि आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है या आपके परिवार में किसी को यह बीमारी रही है, तो नियमित आंखों की जांच अवश्य कराएं। आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपकी आंखों की रोशनी को जीवनभर सुरक्षित रख सकती है।

Disclaimer: इस खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को लागू करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb