Posted in

Sunil Gavaskar: सुनील गावस्कर ने शमा मोहम्मद को लगाई फटकार, रोहित शर्मा पर दिए बयान पर जताई कड़ी आपत्ति

“अगर आपको सिर्फ पतले और दुबले खिलाड़ी चाहिए, तो आपको क्रिकेट नहीं, बल्कि मॉडलिंग प्रतियोगिता में जाना चाहिए। क्रिकेट में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आप कितना अच्छा खेल सकते हैं। हमने सरफराज खान के बारे में भी देखा,

Sunil Gavaskar:
Sunil Gavaskar:

भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों की फिटनेस हमेशा चर्चा का विषय रही है। मैदान पर उनकी फुर्ती, कैचिंग स्किल और खेल की गुणवत्ता को देखते हुए उनके फिटनेस स्तर का आकलन किया जाता है। हालांकि, जब खिलाड़ियों की आलोचना उनके शरीर के आकार को लेकर की जाती है, तो यह खेल भावना के विपरीत माना जाता है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सोशल मीडिया पर विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने रोहित शर्मा को ‘मोटा खिलाड़ी’ कहकर उनकी फिटनेस पर सवाल उठाए। इस बयान के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने शमा मोहम्मद की तीखी आलोचना की और उनके तर्क को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

सुनील गावस्कर का जवाब: ‘क्रिकेट मानसिक ताकत का खेल है’

पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि क्रिकेट केवल शारीरिक फिटनेस का खेल नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक मजबूती और तकनीकी कौशल का भी उतना ही महत्व है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर फिटनेस ही खिलाड़ी के चयन का मुख्य आधार होता, तो केवल मॉडल्स को टीम में चुना जाता।

Also Read: प्यार की पिच पर टूटे रिश्ते इन भारतीय क्रिकेटरों ने झेला तलाक का दर्द

इंडिया टुडे से बातचीत में गावस्कर ने कहा:
“अगर आपको सिर्फ पतले और दुबले खिलाड़ी चाहिए, तो आपको क्रिकेट नहीं, बल्कि मॉडलिंग प्रतियोगिता में जाना चाहिए। क्रिकेट में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आप कितना अच्छा खेल सकते हैं। हमने सरफराज खान के बारे में भी देखा, उन्हें उनके शरीर के आकार के कारण लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। लेकिन अगर वह टेस्ट क्रिकेट में 150 रन बनाते हैं और इसके बाद लगातार अर्धशतक जड़ते हैं, तो इसमें समस्या क्या है?”

गावस्कर ने यह भी कहा कि खेल में बॉडी शेमिंग का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। खिलाड़ी की मानसिक ताकत, टिकाऊपन और स्कोर बनाने की क्षमता अधिक मायने रखती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे महान खिलाड़ी हुए हैं, जिनका शारीरिक ढांचा पारंपरिक फिटनेस मानकों से मेल नहीं खाता था, लेकिन उनकी प्रतिभा और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें सफलता दिलाई।

शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में रोहित शर्मा की फिटनेस पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘मोटा खिलाड़ी’ कहा। उनका कहना था कि एक क्रिकेटर को अपनी फिटनेस का विशेष ध्यान रखना चाहिए और रोहित को अपना वजन कम करने की जरूरत है

इतना ही नहीं, शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा की कप्तानी को भी “बेअसर” बताया। हालांकि, जब उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा और क्रिकेट प्रशंसकों ने इसकी आलोचना शुरू की, तो उन्होंने जल्द ही अपना पोस्ट डिलीट कर दिया। बावजूद इसके, उनका बयान पहले ही सार्वजनिक हो चुका था, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

क्रिकेट में फिटनेस बनाम प्रदर्शन: क्या सिर्फ शरीर का आकार मायने रखता है?

क्रिकेट में फिटनेस निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन क्या केवल शरीर की बनावट के आधार पर किसी खिलाड़ी की क्षमता को आंका जा सकता है? इस पर क्रिकेट विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है।

  1. फिटनेस का महत्व: आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ियों को अधिक चुस्त और फुर्तीला होने की जरूरत होती है। टी20 और वनडे क्रिकेट में तेज भागदौड़, बाउंड्री बचाने की क्षमता और लंबे समय तक विकेटों के बीच दौड़ने की अहमियत बढ़ गई है।
  2. प्रदर्शन की अहमियत: दूसरी ओर, क्रिकेट एक तकनीकी और मानसिक खेल भी है। कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिनका शरीर पारंपरिक एथलीटों की तरह नहीं था, लेकिन उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उदाहरण के तौर पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक गैटिंग, ऑस्ट्रेलिया के अरविन्ड डी सिल्वा और भारत के वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों का फिटनेस स्तर औसत था, लेकिन वे विश्वस्तरीय बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।
  3. रोहित शर्मा का योगदान: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने वर्षों से अपने खेल से खुद को साबित किया है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत को जीत दिलाई है और तीन दोहरे शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज भी हैं। ऐसे में उनके शरीर के आकार पर टिप्पणी करना उनकी प्रतिभा को कमतर आंकने जैसा होगा।

क्या बॉडी शेमिंग को स्वीकार किया जा सकता है?

खेल और खिलाड़ियों की आलोचना उनके प्रदर्शन के आधार पर की जानी चाहिए, न कि उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर। बॉडी शेमिंग एक नकारात्मक प्रवृत्ति है, जो न केवल व्यक्ति की आत्मविश्वास को प्रभावित करती है, बल्कि खेल की मूल भावना के खिलाफ भी जाती है।

गावस्कर ने अपनी प्रतिक्रिया में यही संदेश दिया कि क्रिकेट में मानसिक और तकनीकी क्षमता अधिक महत्वपूर्ण होती है। कोई भी खिलाड़ी सिर्फ अपने शरीर के आकार के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी मेहनत, रणनीति और खेल कौशल के आधार पर सफल होता है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb