Tata Group IPO: नवंबर 2023 में टाटा टेक की लिस्टिंग के बाद टाटा ग्रुप की एक और कंपनी ने अपना आईपीओ लाने का निर्णय लिया है। टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विस यूनिट टाटा कैपिटल ने 15000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए सेबी को आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स गोपनीय रूप से सेबी को सौंपा गया है।
मनीकंट्रोल ने शुक्रवार को अपने स्रोतों के हवाले से बताया कि यह कदम टाटा कैपिटल की लिस्टिंग से जुड़ी कंपनी की रणनीति और बिजनेस से संबंधित संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
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एडवाइजर के रूप में चुने गए 10 बैंक
टाटा कैपिटल एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस (NBFC) है और यह टाटा संस की एक सहायक कंपनी है। इसने लिस्टिंग के लिए 10 निवेश बैंकों को एडवाइजर के तौर पर नियुक्त किया है। इनमें कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटी, जेपी मॉर्गन, एक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज, आईआईएफएल कैपिटल, बीएनपी पारिबा, एसबीआई कैपिटल और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।
लगभग 15000 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के तहत नए शेयर जारी किए जाएंगे और टाटा संस भी ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। टाटा संस की टाटा कैपिटल में हिस्सेदारी 92.83 प्रतिशत है। इसके साथ ही, कंपनी को लगभग 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करने की मंजूरी भी बोर्ड से मिल चुकी है।
सितंबर 2025 तक लिस्ट होना जरूरी
टाटा संस और टाटा कैपिटल को RBI अपर लेयर NBFC मानता है, इसलिए सितंबर 2025 तक इनका शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य है। NBFC के रूप में कार्यरत टाटा कैपिटल का राजस्व वित्तीय वर्ष 2024 में 18178 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी की लोन बुक 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, और मुनाफा भी 3150 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही में भी कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 21 प्रतिशत बढ़कर 1825 करोड़ रुपये हो गया है।
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