माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स ने इंडिया में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे विकास की सराहना की है। उनका मानना है कि 2047 तक भारत का एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरना न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए भी लाभकारी होगा। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम ‘एक्सप्रेस अड्डा’ में कहा कि यदि भारत अपने 2047 के योजना को बनाए रखता है, तो इससे न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ मिलेगा।
बिल गेट्स ने यह भी कहा कि यह एक सकारात्मक स्थिति है, जब विकास दर के बारे में चर्चा होती है कि यह 5 फीसदी होगी या 10 फीसदी। उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि विकास दर 10 फीसदी होगी, लेकिन 5 फीसदी से कम होने की भी उम्मीद नहीं है।
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में सरकार का बड़ा निवेश जरूरी है, जिससे नए अवसरों का सृजन होगा।
हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संदर्भ में बात करते हुए गेट्स ने कहा कि तकनीक के माध्यम से बदलाव आएगा, लेकिन उन्होंने इस चिंता को खारिज किया कि इससे नौकरियों में कमी आएगी। उनका कहना था कि नौकरियों की कमी वास्तविकता से जुड़ी है और AI के माध्यम से हम पर्याप्त भोजन और चिकित्सा देखभाल प्राप्त कर सकते हैं, बिना सभी को आज की तरह काम करते हुए।
गेट्स ने आगे कहा कि AI की क्षमताओं को समझते हुए, वे इसके तेजी से विकास को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “अगर मेरे हाथ में इसका नियंत्रण होता, तो मैं इसकी गति को धीमा कर देता।”
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक ने भारत के AI अपनाने के दृष्टिकोण की सराहना की, खासकर ओपन सोर्स फाउंडेशन मॉडल्स के लिए, जो स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं और स्थानीय भाषाओं के अनुसार हों। हालांकि, उन्होंने चिप मैन्यूफैक्चरिंग में भारी सब्सिडी के प्रति चेतावनी भी दी और कहा कि भारत को इस क्षेत्र में तभी प्रवेश करना चाहिए जब वह प्रतिस्पर्धात्मक हो।
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