GST Council Meeting: लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर जीएसटी में कमी की संभावना जताई जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ बना रहेगा। यदि जीएसटी दर में यह कमी होती है, तो सरकार के खजाने में 36,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है।
जीएसटी काउंसिल ने एक मंत्रियों के समूह का गठन किया है, जिसमें अधिकांश सदस्य लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को घटाने के पक्षधर हैं। लेकिन वे इसके पूर्ण रूप से समाप्त होने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे लागत में वृद्धि हो सकती है। इंश्योरेंस इंडस्ट्री 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का समर्थन कर रही है। हालांकि, इसका अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल को ही लेना है।
इंश्योरेंस सेक्टर की नियामक संस्था आईआरडीएआई (IRDAI) ने भी स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की सिफारिश की है। मंत्रियों का समूह (जीओएम) इस मुद्दे पर अपनी अगली बैठक में चर्चा करेगा। इसके बाद, यह समूह अप्रैल या मई में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर में कमी पर विचार करेगा। जीएसटी काउंसिल ने 21 दिसंबर को हुई अपनी पिछली बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में छूट या कमी पर निर्णय को नियामक के आगे की जानकारी मिलने तक स्थगित कर दिया था।
विपक्ष लगातार लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर में कमी की मांग कर रहा है। संसद की स्थाई समिति भी इस संबंध में सिफारिश कर चुकी है। पिछले तीन वर्षों में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 21,256 करोड़ रुपये और हेल्थ रीइंश्योरेंस प्रीमियम पर 3,274 करोड़ रुपये का जीएसटी वसूला गया है। जीएसटी लागू होने के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है।
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